कोरोना महामारी के संकट काल में जहां एक ओर भारत में अरबपतियों की संख्या में इजाफा हुआ है, वहीं दूसरी ओर गरीबी भी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पिछले साल गरीबों की संख्या दोगुनी हो गई है, जबकि देश में 40 नए अरबपति बने हैं। इस बीच भारत अरबपतियों की संख्या के मामले में दुनिया के कई देशों से आगे निकल चुका है। देश के अरबपतियों में गौतम अडाणी की संपत्ति में पिछले साल जोरदार इजाफा दर्ज किया गया।
बिलियनेयर्स इंडेक्स पर अगर नजर डालें तो दुनिया के 500 सबसे ज्यादा अमीर लोगों ने पिछले साल अपनी नेट वर्थ में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है। ऑक्सफैम ने कहा कि भारत, जहां शहरी बेरोजगारी पिछले मई में 15 फीसदी तक बढ़ गई थी और खाद्य असुरक्षा खराब हो गई थी, अब फ्रांस, स्वीडन और स्विटजरलैंड की तुलना में अधिक अरबपति वाला देश बन चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी से दुनिया परेशान है और अब ओमिक्रॉन वैरिएंट ने फिर से चिंता के बादल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना काल में एक ओर जहां गरीबों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है, लेकिन वहीं अमीर लोगों की संपत्ति में जोरदार इजाफा हुआ है। कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई।
ऑक्सफैम के मुताबिक, देश में अरबपतियों की संख्या में 39 फीसदी की दर से तेजी आई है और 40 नए अरबपति बने। इस बढ़ोतरी के साथ वर्तमान में देश के अरबपतियों की कुल संख्या 142 हो गई है। ऑक्सफैम ने सोमवार को प्रकाशित बढ़ती असमानता पर एक रिपोर्ट में कहा कि देश के अरबपतियों के पास संयुक्त संपत्ति लगभग 720 अरब डॉलर (करीब 53 लाख करोड़ रूपये) है, जो कि देश की सबसे गरीब 40 फीसदी आबादी से अधिक है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी की संपत्ति में पिछले साल सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला है। अडाणी के पास पिछले साल भारत में सबसे ज्यादा संपत्ति थी और वैश्विक स्तर पर उन्होंने अपनी संपत्ति में दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की थी। गौतम अडाणी की संपत्ति में 42.7 अरब डॉलर जुड़े, इसके साथ ही उनकी संपत्ति अब 90 अरब डॉलर है। 2021 में मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 13.3 बिलियन डॉलर चढ़ गई और अब उनका मूल्य 97 बिलियन डॉलर हो गया है।