हिमाचल : हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा और अर्की, फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने यहां से क्लीन स्वीप किया है. कांग्रेस सभी तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी रामस्वरूप शर्मा को विजय मिली थी लेकिन उनका पिछले दिनों निधन हो गया. यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा तो बीजेपी ने कारगिल युद्ध के हीरो कुशाल सिंह ठाकुर पर दांव लगाया. कांग्रेस की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने 365650 वोट हासिल किए हैं जबकि बीजेपी के कुशल ठाकुर को 356884 वोट मिले हैं. इस तरह से प्रतिभा सिंह ने 8766 वोट से जीत दर्ज की है. फतेहपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी सिंह पठानिया और बीजेपी के बलदेव ठाकुर आमने-सामने थे. कांग्रेस प्रत्याशी पठानिया जीत दर्ज करने में सफल रहे, उन्हें 24249 वोट मिले हैं जबकि बलदेव को 18478 वोट मिले हैं. कांग्रेस 5789 वोट से जीतने में सफल रही.
अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पीसीसी महासचिव संजय अवस्थी और बीजेपी के रतन सिंह पाल आमने-सामने थे. कांग्रेस प्रत्याशी को 30798 वोट मिले हैं जबकि बीजेपी को 27579 वोट मिले हैं. संजय अवस्थी 3219 वोट से जीत दर्जन करने में कामयाब रहे. जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रोहित ठाकुर, बीजेपी की पूर्व जिला परिषद सदस्य नीलम सरकइक और निर्दलीय चेतन सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था. कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर के सामने बीजेपी प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा सके. कांग्रेस को 29955 वोट मिले जबकि निर्दलीय चेतन सिंह को 23662 वोट मिले. बीजेपी प्रत्याशी को महज 2644 वोट मिले. कांग्रेस 6293 वोटों से यह सीट जीतने में कामयाब रही. हिमाचल प्रदेश में मंडी में चारों सीट पर कांग्रेस के जीतने और बीजेपी को हराने का सियासी मायने हैं. हिमाचल की सियासत में 6 बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनके परिवार का ये पहला चुनाव है. मंडी लोकसभा सीट से उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की है. उपचुनाव जीतने से एक बार फिर से कांग्रेस का पावर सेंटर हौली लॉज में शिफ्ट होने की संभावना बढ़ गई. सियासत में वीरभद्र सिंह के परिवार का सियासी ताकत बढ़ेगी. उपचुनाव में बीजेपी की हार का सीधा असर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सियासी कद पर पड़ेगा. उन्हें मंहगाई ने डूबी. जिस मंहगाई से चुनाव जीते थे उसी मंहगाई ने उन्हें धरातल पर पहुंचा दिया. कांग्रेस के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले शुभ संकेत है और पार्टी के लिए माहौल बनाने का मौका मिल गया है.