छिंदवाड़ा. मध्य प्रदेश में कांग्रेस का अभेद किला कहा जाने वाले छिंदवाड़ा भी लोकसभा चुनाव 2024 में धराशायी हो गया है. पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा के बंटी विवेक साहू से 1 लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हार के खुद जिम्मेदार.
कमलनाथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं, जो केन्द्र में मंत्री रहने के साथ ही छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं. इतना ही नहीं वो साल 2018 में मध्यप्रदेश के सीएम बने थे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. ऐसे में इस सीट पर उनकी साख दांव पर लगी थी. छिंदवाड़ा में बीजेपी प्रत्याशी बंटी विवेक साहू के निर्णायक बढ़त के बाद ही कमलनाथ कांग्रेस दफ्तर से रवाना हो गए हैं. कमलनाथ ने कहा था कि छिंदवाड़ा की जनता ने जो फैसला दिया है वो स्वीकार है.
विवेक बंटी साहू इसके पहले दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. 2018 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव 2019 में लड़ा था. उस समय कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया था. यह चुनाव विवेक बंटी साहू लगभग 25000 वोटों से हार गए थे.
चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्हें जिला भाजपा की कमान सौंप दी. तब से लेकर अब तक वह जिला भाजपा के अध्यक्ष हैं. फिर विधानसभा चुनाव 2023 में भी छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को एक और मौका दिया, लेकिन इस बार भी विवेक बंटी साहू को करीब 35000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.
छिंदवाड़ा मे चुनाव के परिणाम आते हीं छिंदवाड़ा के होने वाले सांसद बंटी विवेक साहू की सासू माँ पूजा श्री के सामने स्थित हनुमान मंदिर ज़मीन पर लेट् कर हनुमान जी का आशीर्वाद लेने पहुंची.
बता दें कि, छिंदवाड़ा के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी की सास ने अपने दामाद के लिए जीत की भगवान् से मन्नत मांगी थी और जीत के बाद मन्नत पूरी होते हीं ज़मीन पर लेट कर हनुमान मंदिर पहुंची.