देवास : जिले की तीन नगर परिषदों सतवास, कांटाफोड और लोहारदा में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. सीएम से शिकायत के बाद इस मामले में प्रारंभिक जांच के बाद लोकायुक्त उज्जैन ने 45 से अधिक आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित आपराधिक षडय़ंत्र व अन्य धाराओं में केस दर्ज करके जांच शुरू की है.
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में कई बड़े नेताओं की भी संदिग्ध भूमिका है. हालांकि दर्ज प्रकरण में इनके नाम शामिल नहीं किए गए हैं. जिन पर केस दर्ज हुआ हैं. उनमें तत्कालीन अध्यक्ष, सीएमओ, प्रशासक सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी, निजी फर्मों के कर्मचारी शामिल हैं.
लोकायुक्त उज्जैन से मिली जानकारी के अनुसार कांटाफोड़ नगर परिषद के मामले में तत्कालीन अध्यक्ष भूरीबाई विजयसिंह काकड़वाल, प्रशासन अविनाश सोनानिया, सीएमओ महेश शर्मा, कैलाशचंद्र वर्मा, गोविंद पोरवाल व सतीश घावरी सहित लेखापाल, शाखा प्रभारी, प्रकाश माधवानी मोहित सेल्स कार्पोरेशन इंदौर, मोहित वाधवानी, बलराज तिवारी निर्मल इंटरप्राइजेस देवास, सतीश चौहान शिव ग्राफिक्स इंदौर पर केस दर्ज किया गया है.
लोहारदा नप के मामले में तत्कालीन अध्यक्ष लाडक़ीबाई लक्ष्मण इवने, प्रशासक सुभाष सोनेर, सीएमओ केएनसएस चौहान, अनिल जोशी, हरिओम कचोले, नंदकिशोर पारसनिया, सतीश घावरी, अनवर गौरी, कैलाश वर्मा, जगदीश शर्मा, सैयद मकसूद अली, आधार सिंह आदि आरोपी हैं. सतवास नगर परिषद के मामले में तत्कालीन अध्यक्ष छोटी बी वहीद खान, सीएमओ विकास डावर, सीएमओ कैलाशचंद्र वर्मा, अनवर गौरी, जगदीश शर्मा, आधार सिंह सहित कुल 15 आरोपी हैं.