धार । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ द्वारा वरिष्ठ कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. की पावनतम निश्रा में अपने गुरु को मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री निलेशचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनभद्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा. व साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा ने नम आंखों से अपने गच्छ के महानायक एवं त्रिस्तुतिक जैन संघ के पाट परम्परा के अष्ठम पटधर गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. को अंतिम विदाई पूरे मंत्रोच्चार के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन की उपस्थिति में दी । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट ने कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुये पीपीई किट पहनकर आचार्यश्री को ट्रस्ट मण्डल की और से महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, शांतिलाल साकरिया, कमलचंद लुनिया, मांगीलाल पावेचा, चम्पालाल वर्धन, जयंतिलाल बाफना, बाबुलाल खिमेसरा, मेघराज लोढा, पृथ्वीराज कोठारी, संजय सराफ, मांगीलाल रामाणी, आनन्दीलाल अम्बोर, कमलेश पांचसौवोरा व आमंत्रित ट्रस्टी बाबुलाल डोडियागांधी, भेरुलाल गादिया एवं आचार्यश्री के सांसारिक परिवार सियाणा से देवन जैन, सुषमा जैन, तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन मुखाग्नि दी । श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के इतिहास में पहली बार किसी आचार्य को बिना किसी चढ़ावों की जाजम के साथ मध्यप्रदेश शासन व पुलिस प्रशासन की और से स्थानीय पुलिस ने सलामी के साथ विदाई दी । गुरु भक्तों ने गुरु को समर्पण करने के लिये ट्रस्ट के निर्णयानुसार गौशाला में जीवदया हेतु दान की घोषणा की ।
अंतिम विदाई से पूर्व आचार्यश्री को पूरे विधि विधान के साथ केश लोचन करवाया गया । समस्त मुनिभगवन्तों एवं साध्वीवृंदों ने आचार्यश्री को अंतिम गुरु वंदना की विधि सम्पन्न की । गुरु वंदन के पश्चात पालकी निकालकर आचार्यश्री को अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया । कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिमण्डल व विधिकारक हेमन्त वेदमुथा, पण्डित मुरलीधर पण्डया, पण्डित कपील बांसवाड़ा आदि ने विधिविधान पूर्ण किया तत्पश्चात् आचार्यश्री को अंतिम विदाई ट्रस्टमण्डल द्वारा म.प्र. शासन के कोरोना प्रोटोकाल के तहत् दी गई । इस अवसर पर बड़ी संख्या गुरुभक्तों ने कोरोना प्रोटोकाल के चलते आचार्यश्री का अंतिम संस्कार कार्यक्रम युट्युब एवं फेसबुक पर देखा ।
पालीवाल वाणी ब्यूरो - जगदीश राठौर✍️