जयपुर : राजस्थान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पूर्व सीएम ने कहा कि अच्छा काम करने वाली पार्टी को दोबारा मौका मिलना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमें दोबारा अवसर मिलता तो अधूरे काम पूरे होते और हमारा प्रदेश विकास की दृष्टि से बहुत आगे होता। जबकि आज राजस्थान पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रदेश को विकास में पीछे धकेला, उन्हें अब मौका नहीं दें। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने आज जयपुर में अखिल भारतीय हरियाणा गौड़ ब्राह्मण महासभा प्रतिभावान छात्र-छात्रा सम्मान समारोह में गहलोत सरकार पर निशाना साधा। कार्यक्रम में 'कहो दिल से वसुंधरा फिर से' के जमकर नारे लगाए गए। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने नारे लगाने वाले युवाओं को शांत करवा दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि जिस प्रदेश को हम विकास की राह पर लाए थे उसे अब कोई तरक्की की राह पर ले जाने वाला इस सरकार में नहीं है. राजे ने कहा कि जो प्रदेश हमारे समय शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत और जल संरक्षण में देश में आगे था, वह आज अपराध, महिला उत्पीड़न, दलित अत्याचार और भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिक उन्माद में पहले नंबर पर है। हमारे समय में राजस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और जलसंरक्षण क्षेत्र में सबसे आगे था। आज अपराध, महिला उत्पीड़न,दलित अत्याचार, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिक उन्माद में पहले नंबर पर आ गया है। लेकिन सत्ता में बैठे लोग कुर्सी की चिंता में जनता की चिंता को भूल गए है। कांग्रेस के शासकाल में राजस्थान अराजकता के दौर से गुजर रहा है। यहां न कोई सुनने वाला है, न कोई देखने वाला और न कोई जनता की पीड़ा को समझने वाला। जिस प्रदेश को हम विकास की राह पर लाए थे, न उसे अब कोई तरक्की की राह पर ले जाने वाला। हमारी भाजपा सरकार ने चित्तौड़गढ़ जिले के मातृकुंडिया में भगवान परशुराम का भव्य स्मारक बनवाया था। वहीं ब्राह्मण समाज से प्रेरणा लेकर 550 करोड़ रु की लागत से 125 मंदिरों का विकास तथा 110 करोड़ रु की लागत से 50 देवी-देवताओं एवं महापुरुषों के पैनोरमा बनवाए थे.
वसुंधरा ने कहा कि हमारी सरकार ने सवर्णों को आरक्षण देने के लिए विधानसभा में कानून बनाया। उसके बाद 2019 में हमारी मोदी सरकार ने पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू किया, जिसके लिए हम सब पीएम मोदी के आभारी हैं. राजे ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने चित्तौड़गढ़ जिले के मातृकुंडिया में भगवान परशुराम का स्मारक बनाया. 550 करोड़ की लागत से प्रदेश के 125 मंदिरों, 110 करोड़ की लागत से 50 देवी-देवताओं और महापुरुषों के स्मारक बनाए.