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Tax Saving Best Option : क्यों PPF है टैक्स बचाने का सबसे सुरक्षित तरीका, जानिए यह 5 बड़े कारण

निवेश Published by: Pushplata Updated Fri, 12 Jan 2024 11:49 AM
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टैक्स सेविंग और निवेश के लिए वैसे तो बाजार में दर्जनों स्कीम्स हैं, लेकिन फिर भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF आज भी सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है. इससे आपकी अच्छी खासी टैक्स सेविंग हो जाती है. सरकार PPF पर मौजूदा समय में 7.1 का ब्याज दे रही है. इंट्रेस्ट रेट घटने के बावजूद PPF के कई फायदे हैं. अगर आप इस स्कीम में पैसा जमा करते हैं तो निवेश भी हो रहा है और टैक्स भी बच रहा है. आइए 5 कारण बताते हैं जिससे PPF टैक्स सेविंग के लिए अच्छा ऑप्शन है.

 फायदे

इसका लाभ एंप्लॉयड और सेल्फ एंप्लॉयड, दोनों तरह के लोग उठा सकते हैं. इस सेविंग स्कीम में सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है और रिटर्न भी गारंटीड है. वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता है.

पब्लिक प्रोविडेंड फंड EEE कैटिगरी में आता है. इसमें निवेश करेन पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. मैच्योरिटी पर इंट्रेस्ट इनकम और मैच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. अन्य स्कीम की बात करें तो म्यूचुअल फंड में रिटर्न ज्यादा जरूर मिलता है, लेकिन 20 फीसदी तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग जाता है.

अगर आप इस स्कीम को 25 सालों तक बढ़ाना चाहते हैं तो अंत में आपको 25 लाख 8 हजार 284 रुपए मिलेंगे. इस दौरान आपकी तरफ से कुल 912500 रुपए जमा किए जाएंगे और इंट्रेस्ट के रूप में कुल 1595784 रुपए मिलेंगे. सबसे खास बात ये है कि यह अमाउंट पूरी तरह टैक्स फ्री होगा.

PPF की मैच्योरिटी 15 सालों की होती है. उसके बाद भी इसे 5-5 साल के अंतराल में बढ़ाया जा सकता है. मान लीजिए कि आपकी उम्र 35 साल है. आपने रिटायरमेंट के लिए PPF में निवेश का फैसला किया है. आने वाले कल के लिए आप रोजाना आधार पर 100 रुपए जमा करते हैं जो बहुत ही साधारण अमाउंट है. ऐसे में आप जब 60 साल के होंगे तो आपको कुल 25 लाख रुपए मिलेंगे जो पूरी तरह टैक्स फ्री होगा.

न केवल पीपीएफ निवेश पर अर्जित ब्याज कर-मुक्त है, बल्कि पीपीएफ आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत अन्य कर लाभ भी प्रदान करता है. उदाहरण के लिए, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में हर साल ₹1.5 लाख की राशि का निवेश करते हैं तो आप आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं. हालाँकि पीपीएफ बहुत सारे फायदों के साथ आता है, इस योजना का एकमात्र नुकसान यह है कि इसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है जो प्रकृति में बहुत लंबी अवधि है. हालाँकि, यह आपको 5 साल के बाद राशि निकालने की सुविधा देता है, लेकिन आपको पीपीएफ खाता खोलने की तारीख से 1 प्रतिशत का ब्याज देना होगा.

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