इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में लगभग 6000 हजार शासकीय कर्मचारियों का जनवरी 2022 माह का वेतन आहरण इस कारण रोक दिया गया है कि इंदौर कलेक्टर श्री मनीष सिंह के सख्त आदेश दिए जाने के बाद भी इन्होने कोरोना की सतर्कता वाला तीसरा डोज़ लगाने में गंभीर रूप से लापरवाही दशाई. मिली जानकारी के अनुसार शहर के उन चार स्कूलों को सील कर दिया गया है जहां बार बार समझाइश के बाद भी पढ़ने वालों बच्चों को टीकाकारण नहीं लगवाया गया था. इंदौर में टीकाकरण को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी हैं. कोरोना की सतर्कता के रूप में तीसरा टीका न लगवाने वाले इंदौर जिले के 6000 हजार शासकीय कर्मचारियों का जनवरी 2022 माह का वेतन रोक दिया गया हैं. जिन कर्मचारियों का जनवरी माह का वेतन रोका गया है, उनमें नगर निगम, स्वास्थ्य, जिला पंचायत, सहकारिता, कृषि व उद्यानिकी विभाग और पुलिस, बीएसएफ सहित एपीटीसी और विभिन्न बटालियन के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं. इसमें कई कोरोना के फ्रंटलाइन वर्कर भी रहे हैं. इस संबंध में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों को निर्देश दिए. हैं कि इन कर्मचारियों का वेतन तभी जारी किया जाए, जब वे सतर्कता डोज लगवा लें. उधर, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने भी अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केवल उन्हीं कर्मचारियों का वेतन जारी किया जो छतरपुर कार्ड उसका प्रमाण पत्र दिखाएं.