पालीवाल ब्राह्मण समाज, मेनारिया ब्राह्मण समाज, नागदा मेनारिया ब्राह्मण सहित कई समाजों में ‘ढूंढ महोत्सव’ की परम्परा अदभूत और अनुठी है। इसी प्रकार कई समाज में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने लिंगानुपात के अंतर को कम करने और बेटियों को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच आज-कल अनुठे अंदाज में ‘ढूंढ महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा हैं। राजस्थान में होली से एक दिन पूर्व बच्चों के जन्म पर ढूंढ महोत्सव आयोजन करने की परम्परा है। सामान्यत : इस इलाके में लड़कों को ही ढूंढ किया जाता रहा है। परंतु आज पंरपराओं से हटकर बेटियों के लिए भी ढूंढ के आयोजन में शामिल होकर बराबार भागीदारी का निर्वाह कर रहे है, निश्चित ही ऐसे कार्यक्रमों से समाज को प्रेरणा मिलेगी। ऐसे कार्यक्रमों की सार्थकता तभी सिद्घ होगी जब लोग अपने स्तर पर उसी उत्साह के साथ बच्च्यिं की ढूंढ का आयोजन करने लगेंगे, जैसे वे लड़के के जन्म पर आयोजित करते है। आयोजन से समाज में बेटियों को सम्मानजनक स्थान मिलने के अवसरों में बढ़ोतरी के साथ लिंगानुपात के अंतर को कम करने में भी मदद मिलेगी। पालीवाल ब्राह्मण समाज, मेनारिया ब्राह्मण समाज, नागदा मेनारिया ब्राह्मण के समाजसेवी सर्वश्री बालकृष्ण बागोरा, प्रेमनारायण जोशी, भोलीराम दवे, शिवलाल पालीवाल, समाज अध्यक्ष मुकेश जोशी, अखिलेश पुरोहित, पूर्व सचिव बंशीलाल जोशी, पूर्व समाज अध्यक्ष उमाशंकर जोशी, रामचंद्र मेहता, देवीलाल पानेरी, पूर्व समाज अध्यक्ष भूरालाल व्यास, प्रतापमल जोशी, लक्ष्मीनारायण व्यास, धर्मनारायण जोशी, ललित पुरोहित, लक्ष्मीनारायण बागोरा, प्यारचंद्र जोशी, वरदीचंद्र भट्, मांगीलाल जोशी, लक्षमण जोशी के विचारों पर मंथन करे तो यही कहा जाएगा कि आज के समय में भी लोग अपनी परंपराओं से बंधे है और उनके प्रति उनकी गहरी निष्ठा है। पंरपराओं से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन से बदलाव की शुरूआत की जा सकेगी और जल्द ही वो दिन भी आयेंगे, जब समाज में लड़कियों को भी लड़को के बराबर सम्मान मिलेगा। आज के दौर में बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। उल्लेखनिय है कि वर्ष 2016 में यह पहला मौका था जब लड़कियों के लिए ढूंढ का आयोजन किया गया। बाड़मेर जिला कलेक्टर श्री सुधीर शर्मा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार बिष्ठ ने थाली बजाकर 325 लड़कियों की सामूहिक ढूंढ की।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Sangeeta Joshi-Sangeeta Paliwal..✍️