इंदौर. अभिभाषक संघ इंदौर. के पूर्व-अध्यक्ष गोपाल कचोलिया (अभिभाषक) ने बताया है कि विधि स्नातक की उपाधि शैक्षणिक सत्र 2009-2010 में अथवा उसके बाद उत्तीर्ण करने वाले नवीन अभिभाषकों को एडवोकेट एक्ट की धारा 49(1) (ए एच) के अन्तर्गत बार कौंसिल आफ इंडिया द्वारा बनाए गए नियमों के अधीन अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण कर विधि-व्यवसाय का प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है.
बार कौंसिल आफ इंडिया की अखिल भारतीय बार परीक्षा समिति की बैठक दिनांक 26/08/2012 में पारित प्रस्ताव एवं बैठक दिनांक 02 मार्च 2025 के अनुसार अब यह प्राविधिक नामांकन प्रमाणपत्र नामांकन दिनांक से मात्र तीन वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जा रहा है. उक्त तीन-वर्ष की अवधि में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले नवीन अभिभाषकों को ही भविष्य में विधि-व्यवसाय करने का अधिकार रहेगा। निर्धारित तीन वर्ष की समयावधि में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने वाले नवीन अभिभाषकों का नामांकन रद्द कर स्टेट रोल से उनका नाम हटा दिया जाएगा.
नवीन अभिभाषकों की प्रावधिक नामांकन प्रमाणपत्र की अवधि में एक वर्ष की अवधि का विस्तार किया गया. इंदौर अभिभाषक संघ इंदौर के पूर्व-अध्यक्ष गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर की सचिव महोदया ने मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर के अध्यक्ष महोदय के आदेशानुसार अधिसूचना क्रमांक 13/2025 जारी कर मध्यप्रदेश के सभी अधिवक्ता संघों को बताया है कि भारतीय विधिज्ञ परिषद के आदेश पत्र दिनांक 07/04/2025 के परिपालन में अवगत कराया जाता है कि वर्ष 2022 से नामांकित अधिवक्ताओं को जारी प्रावधिक नामांकन की अवधि 2 वर्ष में एक वर्ष की अवधि का विस्तार किया गया है.
अतः दो- वर्ष के प्रावधिक नामांकन अवधि के स्थान पर नव- नामांकित अधिवक्ताओं के प्रावधिक नामांकन की अवधि तीन-वर्ष की जाती है.
गौरतलब है कि पहले प्राविधिक नामांकन प्रमाणपत्र दो वर्ष की समयावधि के लिए जारी किया जाता था और और दो वर्ष में अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण नही करने पर प्राविधिक नामांकन प्रमाण पत्र के आधार पर विधि व्यवसाय कर रहे. नवीन अभिभाषकों को अपना विधि-व्यवसाय बन्द करना पड़ता था.
वर्ष 2024 तक निर्धारित दो-वर्ष की समयावधि में अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने वाले अभिभाषकों का नामांकन रद्द नहीं किया जाता था और उनका नाम भी स्टेट रोल से हटाया नही जाता था. लेकिन अब प्राविधिक नामांकन प्रमाणपत्र की समयावधि दो वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी गई है.
तीन- वर्ष में परीक्षा उत्तीर्ण नही करने वाले नवीन अभिभाषकों का नामांकन रद्द कर स्टेट रोल से उनका नाम हटा दिया जाएगा. नये नियमों के अनुसार प्राविधिक नामांकन प्रमाण पत्र के आधार पर नवीन अधिवक्ता अब तीन-वर्ष तक विधि-व्यवसाय कर सकते है. तीन- वर्ष में अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने पर नवीन अधिवक्ता का नामांकन निरस्त हो जाएगा और स्टेट रोल से भी नाम हटा दिया जाएगा.
गोपाल कचोलिया "अभिभाषक" 9827094681 पूर्व-अध्यक्ष अभिभाषक संघ, इंदौर.