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Indore news : वकीलों को तीन माह के लिए काले कोट से छूट : वकीलों को मिलेगी काफी राहत

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Thu, 13 Apr 2023 01:13 AM
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Indore news : वकीलों को तीन माह के लिए काले कोट से छूट : वकीलों को मिलेगी काफी राहत
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इंदौर :

मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर का फैसला,15 अप्रैल से 15 जुलाई 2023 तक सफेद शर्ट,काला/सफेद/धारीदार या ग्रे कलर का पेंट पहनकर और एडवोकेट बेंड बांधकर अभिभाषकगण जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी कर सकेंगे.

इंदौर अभिभाषक संघ, इंदौर के अध्यक्ष श्री गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने पालीवाल वाणी को बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में सभी अभिभाषकगण 15 अप्रैल 2023 से 15 जुलाई 2023 तक बिना काला कोट पहने पैरवी कर सकते हैं. 

भीषण-गर्मी को देखते हुए स्टेट बार काउंसिल ने प्रदेशभर के वकीलों को तीन माह के लिए काले कोट से छुट देने का फैसला लिया है. इसके लिए 15 अप्रेल से 15 जुलाई 2023 तक की तिथि निश्चित की गई हैं.

इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री गोपाल कचोलिया एडवोकेट ने आगे बताया है कि मध्यप्रदेश के सभी वकील 15 अप्रैल से 15 जुलाई तीन- माह तक बिना काला-कोट पहने मध्यप्रदेश के जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी कर सकेंगे. इससे भीषण-गर्मी से परेशान हो रहे वकीलों को काफी राहत महसूस होगी. कचोलिया के मुताबिक मप्र स्टेट बार काउंसिल ने एक फरमान जारी किया है. इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में काला कोट की पोशाक पहनने की बाध्यता सम्बन्धी नियम को शिथिल करते हुए 15 अप्रैल से 15 जुलाई 2023 तक वकीलों को इससे छूट दी है.

हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के वक्त उन्हें यह छूट नहीं मिलेंगी

इस दौरान वकीलों को सफेद शर्ट व काला, सफेद, धारी या ग्रे कलर का पेंट पहनकर और एडवोकेट बेंड बांधकर जिला न्यायालयों और उनके अधीनस्थ न्यायालयों में पैरवी करना होगी. अलबत्ता हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के वक्त उन्हें यह छूट/राहत नहीं मिलेंगी. कचोलिया ने बताया कि प्रदेश के कई तहसीलों व जिलों में यह हालात है कि बैठने की जगह की तुलना में वकीलों की तादाद काफी ज्यादा है. ऐसे में उन्हें खुले में बैठना पड़ता है या तंग जगह में काम करना पड़ता है. खासकर बिजली गुल हो जाने की दशा में उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है. काउंसिल के इस निर्णय से प्रदेश के करीब एक लाख वकीलों को फायदा पहुंचेंगा.

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