इन्दौर
बड़े अफसोस की बात है कलेक्टर के आदेश को भी इन्दौर के स्कूल वाले अपने हिसाब से ही पालन करते हैं। इनको किसी बात का डर नहीं है क्योंकि सभी स्कूलों से मोटी मलाई समय पर अधिकारियों को खिलाई जाती है तो फिर कोई कार्रवाई होने का सवाल ही नहीं उठता भले ही बच्चों की भारी फजीहत हो तो हो।
ऑर्किड इंटरनेशनल, एमराल्ड, क्वीन कालेज, विद्या सागर सहित कई बड़े स्कूल ने इंदौर के प्रभारी कलेक्टर के आदेश को नहीं माना दरअसल स्कूल नो बजे ही लगते जिसके लिये बस 8.15 के लगभग आती बसों का समय नो बजे करना था । ऐसा आदेश मज़ाक बनकर रह जाता है।
स्कूल संचालकों की दादागिरी देखिए कि उन्हें मालूम है कि प्रशासन स्कूलों का समय ठंड के कारण परिवर्तित करेगा लेकिन इसके बावजूद भी और वह एक-दो दिन तक नया चार्ट बनाएंगे और फिर अपनी मन मर्जी के हिसाब से स्कूल संचालित करेंगे जबकि होना यह चाहिए कि कलेक्टर के आदेश जारी होते ही अगले दिन से नियम प्रभावशील हो जाना चाहिए.
इससे बच्चे भी कंफ्यूज होने से बच सकते हैं आज सभी बच्चे स्कूलों के मैसेज देखते रहे की स्कूल के समय बदलने का कोई संदेश आया क्या लेकिन उन्हें अफसोस और असफलता मिली क्योंकि आज अधिकांश स्कूलों ने इसी वजह से समय नहीं बदला कि कल से वह अपने हिसाब से निर्देश जारी करेंगे इनमें से कुछ स्कूल तो ऐसे भी है जो महाराष्ट्र से संचालित होते हैं और वहां पर ठंड नहीं पड़ती तो मध्य प्रदेश में भी इन स्कूलों का समय परिवर्तित नहीं किया जाता है और यह बेखौफ हो कर अपने स्कूल मनमाने तरीके से संचालित करते हैं।