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इंदौर नगर निगम संपत्ति सर्वे को लेकर हंगामा, पार्षद पति और अफसर आमने-सामने, संपत्ति सर्वे पर रोक लगाने का फैसला

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Mon, 27 Oct 2025 01:50 AM
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इंदौर. 

संपत्ति सर्वे को लेकर निगम कर्मचारियों के व्यवहार से संबंधित विवाद की कई शिकायत के बाद रेसीडेंसी कोठी में हुई बैठक में संपत्ति सर्वे पर रोक लगाने का फैसला लिया गया. महापौर पुष्यमित्र भार्गव, नगर अध्यक्ष सुमीत मिश्रा, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर शिवम वर्मा और निगमायुक्त दिनेश यादव भी मौजूद रहे.

मेरे रहते अराजकता नहीं होगी : मेयर पुष्य मित्र भार्गव

इंदौर में टैक्स सर्वे को लेकर हुए विवाद के बाद राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस इस मामले में मुखर हो गई है. मामले का पटाक्षेप करने के लिए रेसीडेंसी कोठी पर मंत्रियों की बैठक भी हुई. मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने इसे लेकर कहा कि टैक्स को लेकर सर्वे होना चाहिए, लेकिन तरीका ठीक नहीं था. अफसरों को जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर सर्वे करना चाहिए था. यह उन्होंने नहीं किया. उन्होंने कहा कि मेरे रहते अराजकता नहीं होगी.

सूत्रों ने बताया कि शहर के विधायक और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित विधायक और पार्षदों ने निगम अधिकारियों की कार्रवाई पर रोष जताया. और कहां कि भविष्य में इस प्रकार की कार्यवाही नहीं होना चाहिए, अधिकांश नेताओं ने निगम आयुक्त दिनेश यादव के व्यवहार को लेकर असंतोष जताया. वहीं उन्हें हटवाने के लिए कई पार्षद भी अड़ गए.

नगर निगम की तरफ से किए जा रहे संपत्ति सर्वे के दौरान शनिवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया. मामला इतना बढ़ा कि देर रात तक भंवरकुआं थाने के बाहर पार्षदों, एमआईसी सदस्यों और निगम कर्मचारियों की भीड़ जुटी रही. पार्षद पति और निगम अधिकारी ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं, जिससे मामला गरमा गया.

सर्वे के दौरान हुआ विवाद

जानकारी के अनुसार, इंदौर नगर निगम जोन 11 के ए.आर.ओ. शैलेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ पिपलियाराव इलाके में टैक्स सर्वे करने पहुंचे थे. इस दौरान पार्षद पति सुनील हार्डिया, उनके बेटे अटल हार्डिया और क्षेत्र के ट्रेवल्स संचालक बीरम सोलंकी से विवाद हो गया. निगम अफसर का आरोप है कि सर्वे के दौरान पार्षद पति ने सरकारी काम में बाधा डाली, गाली-गलौज की और टीम को धमकाया. इस पर निगम अधिकारी की शिकायत पर तीनों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया.

वहीं, दूसरी तरफ, ट्रैवल्स संचालक बीरम सोलंकी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि शाम करीब चार बजे नगर निगम की गाड़ी उनके घर के बाहर रुकी और अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के उनके मकान की पहली मंजिल की नपती करने लगे. विरोध करने पर अधिकारियों ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और गालियां दी. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने पार्षद पति सुनील हार्डिया को मौके पर बुलाया तो अफसरों ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया और झूमाझटकी की. बीरम की शिकायत पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 296 और 351(5) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

एमआईसी सदस्यों ने भी कराई शिकायत

इस पूरे घटनाक्रम के बाद रात में एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा (बबलू), पार्षद योगेश गेंदर और अन्य जनप्रतिनिधि भंवरकुआं थाने पहुंच गए. उन्होंने टीआई के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हमारी एफआईआर दर्ज कीजिए. उनकी सुनवाई न होने पर थाने के अंदर और बाहर नारेबाजी शुरू हो गई. पुलिस प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाते हुए पार्षद और समर्थक देर रात तक डटे रहे.

दिलीप यादव जब से इंदौर के नगर निगम आयुक्त बने, बीजेपी पार्षद ही सबसे ज्यादा विरोध : कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी 

उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि दिलीप यादव जब से इंदौर के नगर निगम आयुक्त बने है. बीजेपी पार्षद ही सबसे ज्यादा विरोध कर रहे है, कमीशन, भ्रष्टाचार के लिए बदनाम नगर निगम यदि वसूली के लिए नागरिकों को प्रताडि़त करेगा तो विरोध जायज है. उधर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि जिन इलाके में सबसे ज्यादा होस्टल होटल है. वहां यदि सर्वे कर टैक्स का पता लगाजा जा रहा है, तो इसमें भाजपा पार्षद इतना विरोध क्यों कर रहे है. टैक्स को लेकर शहर में समानता होना चाहिए.

 

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