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राजवाड़ा के फेरी व्यवसाय करने वालों की हुई महत्वपूर्ण बैठक : अधिकारों के लिए सड़क पर करेंगे आंदोलन

इंदौर Published by: paliwalwani.com Updated Tue, 07 Sep 2021 09:26 PM
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इंदौर. राजवाड़े से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर हटाए गए पथ व्यवसाय इंदौर ठेला एवं पथ महासंघ से जुड़े व्यापारी की महत्वपूर्ण बैठक कृष्णपुरा छत्री पर संपन्न हुई. जिसमें आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई गई. आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं, श्रम आंदोलन के संस्थापक राजेश बीडकर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की कानूनी लड़ाई लड़ रहे किशोर कोडवानी बैठक में विशेष रूप से उपस्थित थे. पथ व्यवसायियों ने एक स्वर में निर्णय लिया है कि व्यापारी संगठन के दबाव में नगर निगम इंदौर एवं पुलिस अधिकारी जबरिया तरीके से 500 परिवार से अधिक लोगों का व्यापार व्यवसाय छीन लिया है.

पथ विक्रेता अधिनियम 2014 की धज्जियां उड़ाई जा रही है. नगर निगम की कार्रवाई से गरीब लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. आज सभी दोपहर 3 : 00 बजे कृष्णपुरा छत्री पर एकत्रित हुए. श्री किशोर कोडवानी ने आपने उद्बोधन में कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शहर के विकास के नए अध्याय लिखेगा. परंतु किसी के रोजी रोजगार छिनना यह गलत है. प्रशासन के सामने आप भी अपना पक्ष बेबाकी से आंदोलन के माध्यम से रखें. वही राजेश बीडकर ने पथ व्यवसाई का पक्ष रखते हुए कहा कि कानून हमको रोजी रोजगार का अधिकार दिया है. यदि व्यापारी संघ अपने व्यवसाय हित के चलते गरीबों रोजगार छिनता इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर राजवाड़ा व्यापारी संघ के कुछ स्वार्थी तत्व गरीबों से दुकान के बाहर व्यवसाय करने के नाम पर 300 से ₹500 की वसूली कर स्वयं अतिक्रमण करवा रहे हैं. यदि पदों व्यवसायियों को हटाया जाता है, तो रेडीमेड व्यवसायियों का अतिक्रमण के खिलाफ हम मोर्चा खोलेंगे और नगर निगम को विवश करेंगे कि जो भी अतिक्रमण व्यापारी अपने दुकान के बाहर यदि डिस्प्ले और अतिक्रमण करता है. तो उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई कर ट्रेड लाइसेंस निरस्त करें. इंदौर ठेला एवं पद व्यवसाय महासंघ की शिकायत पर नगर निगम ने दिन भर राजवाड़ा क्षेत्र में अभियान चलाकर व्यापारियों के अतिक्रमण हटाए एवं सख्त लहजे में चेतावनी दी, यदि दुकान के बाहर जरा सा भी अतिक्रमण हुआ तो सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए माल जप्त कर लेंगे. बैठक में जिला प्रशासन से मांग की गई कि पथ व्यवसाई, राजवाड़ा व्यवसाई, नगर निगम के मध्य समन्वय बनाकर कोई ठोस नतीजा निकाला जाए ताकि सभी का व्यापार व्यवसाय सुचारू रूप से चलता रहे.

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