एप डाउनलोड करें

हाईकोर्ट ने मेडिकल सीटें खाली छोड़ने पर मध्य प्रदेश सरकार को लगाई फटकार

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Fri, 13 Sep 2024 10:00 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

इंदौर. मेडिकल की सीटें खाली छोड़ने पर इंदौर हाईकोर्ट (indore high court) ने मप्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने 20 सितंबर से पहले इन खाली सीटों पर जवाब पेश करने का कहते हुए चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा है वरना 20 सितंबर को हेल्थ कमिश्नर, भोपाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में आकर स्पष्टीकरण देना होगा। गुरुवार को यह निर्देश हाईकोर्ट ने उज्जैन की एक याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।

2022-24 सत्र के लिए मप्र में सीपीएस (सर्जन एंड फिजीशियन) पाठ्यक्रम में मॉप अप राउंड हुआ था। इसके बाद कुल 92 सीटों में से 32 सीटें खाली रह गईं। इन खाली रह गई सीटों के लिए सार्वजनिक रूप से कोई जानकारी प्रकाशित नहीं की गई। छात्रों को भी इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। कई छात्र सीटें खाली मिलने पर अपग्रेड कर इन सीटों पर प्रवेश ले सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

उज्जैन की याचिकाकर्ता डॉ. योग्यता मारोठी ने इसके खिलाफ इंदौर हाईकोर्ट की शरण ली। उन्होंने कहा कि वह एक बेहतर सीट पर अपग्रेड करना चाहती थीं, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई। जब उन्होंने आरटीआई आवेदन दायर किया तो उन्हें सूचित किया गया कि कुल 92 में से 32 सीटें खाली हैं।

गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी उपस्थित हुए और कहा कि यह मप्र राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है कि 32 सीटों को खाली रहने दिया गया और जो छात्र अपग्रेड करना चाहते थे उन्हें न तो सूचित किया गया और न ही इसे वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने नवीनतम फैसले में कहा है कि किसी भी कीमत पर कोई भी मेडिकल सीट खाली नहीं रहनी चाहिए क्योंकि यह एक राष्ट्रीय बर्बादी है और डॉक्टरों की कमी के कारण जनता को परेशानी होती है।

तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि यदि 20 सितंबर 2024 से पहले जवाब दाखिल नहीं किया गया तो आयुक्त स्वास्थ्य एवं लोक कल्याण भोपाल 20 सितंबर 2024 स्पष्टीकरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next