इंदौर :
इसके पहले भी इंदौर विधानसभा 1 के पूर्व विधायक के बेटे से गाली गिलौच, फिर शहर महामंत्री से तू-तड़ाक, फिर अपने ही कार्यसमिति के पदाधिकारी से अवैध वसूली के गंभीर आरोप में अनपूर्णा थाने पर FIR , फिर भंवरकुआं ज्ञानीजी के ढाबे के विवाद में युवा मोर्चा पदाधिकारी पर ही कार्यवाही करवाना, फिर इंदौर 4 के वर्तमान विधायक के भतीजे से हाथापाई.
2 साल में बीजेपी कार्यकर्ताओं से ही 4 झगड़ो में युवा मोर्चा के अध्यक्ष की तू तड़ाक, गुंडागिर्दी में कार्यवाही दुसरो पर हुई, लेकिन सौगात मिश्रा पर किसी भी प्रकार की वैधानिक कार्यवाही नहीं करना यहां दर्शता है कि शीर्ष नेतृत्व की मंशा पर जातिवाद इतना हावी है कि हर बार सौगात मिश्रा पर कार्यवाही नहीं करते हुए छोटे कार्यकर्ता की बलि ली जाती है. यह कड़वा सत्य है, एक तो प्रदेश बीजेपी में जातिवाद हावी है,
दूसरा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन मंत्री, प्रभारी सब 1 तरफा फैसले लेते है, न्याय नही करते, यदि यह न्याय करते होते तो 4-5 अलग अलग समाज के अपने ही पदाधिकारीओ से तू तू मैं-मैं करने वाले सौगात मिश्रा पर भी कठोर कार्यवाही करते हुए अनुशासन का पाठ सबको पढ़ते. अगर युवा मोर्चा के ही कट्टर 4- 5 कार्यकर्ता दोषी है, तो फिर नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा भी बराबर दोषी हैं. न्याय करो वरना चुनाव में युवा मोर्चा के ही कार्यकर्ता जनता संग पूरी पार्टी, बीजेपी सरकार का न्याय कर देगी.
बीजेपी प्रदेश संगठन बात को गंभीरता से ले, अन्यथा परिमाण भुगतने के लिए तैयार रहे. राजपूत समाज इस न्याय की लड़ाई में युवा मोर्चा के सर्व समाज के पदाधिकारिओं के साथ हैं.