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‘‘चेहरे’’ अनवरत थिएटर ग्रुप द्वारा : सम्भ्रांत लोगों के असल चेहरे दिखाता स्त्री का मुखर स्वर

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Sat, 06 Aug 2022 09:30 AM
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इंदौर : मानसून थिएटर फेस्टिवल के दूसरे दिन शुक्रवार को नाटक ’चेहरे’ अनवरत थिएटर ग्रुप द्वारा राजेन्द्र माथुर सभागार में खेला गया. इसका उद्घाटन प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर किया.

चेहरे नाटक को डॉ. शंकर शेष ने लिखा है, यह नाटक कई समानांतर चलती कहानियों को और घटनाओं के अपराधों को एक ऐसी केंद्रीय धारा में बदल देता है जहाँ, प्रेक्षक यह पाता है कि धीरे दृधीरे गाँव के सम्भ्रांत कहे जाने वाले लोगों के असल चेहरे बारी दृबारी से सामने आ जाते हैं. कहानी में गाँव के समाज सेवी भरोसे जी की अर्थी अंतिम संस्कार के लिए, श्मशान में लाई गई, किन्तु भारी बारिश के कारण खंडहर में ले जानी पड़ी. खंडहर में उनकी अर्थी रख कर बारिश के रुकने की प्रतीक्षा की जा रही है. गाँव के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शोक सभा भी करते हैं. और समय बिताने के लिए बजाज भी करते हैं. 

कई घटनाएं घटित हैं, जिसमें पास के गाँव के लड़के विनोद (अथर्व पटेल) का लड़की कमली (वंशी डाकोलिया) को ले कर भागना, ज़ेवरात का बंटवारा, आवारा लड़कों की मटरगश्ती और सम्भ्रांत लोगों का पाखंड सामने आता है. कुलदीप राठौड़ की आकर्षक मंच सज्जा और परमानंद (शुभम परमार), पंडित (राजुल अग्रवाल), गेंदासिंह (आर्यन अर्जुले), भवानी (अमन चौधरी), साहू (जयेश मालवीय), ग्रामीण (दीपक परस्ते), अध्यापिका जी (कशिश गेरा), के शशक्त अभिनय ने नाटक के कथ्य को मार्मिकता से अभिव्यक्त किया है. नाटक का निर्देशन नीतेश उपाध्याय का था और संगीत नचिकेत जैन का. फेस्टिवल के अंतिम दिन आज दिनांक 6 जुलाई 2022 शनिवार को पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित नाटक ’वो अब भी पुकारता है’ का मंचन किया जाएगा.

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