इंदौर :
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bhartiya Divas Convention) के समापन अवसर पर मन भावुक है। पिछले तीन दिन में इंदौर एक रूप हो गया था। इंदौर में बेटी के विवाह की तरह, इस सम्मेलन की तैयारियां की गई। जिस तरह बेटी की विदाई पर तकलीफ (grief over daughter’s departure) होती है वैसी ही तकलीफ आज अनुभव हो रही है। इंदौर में मेहमान और मेजबान दोनों भाव-विभोर हैं। प्रत्येक घर में भारत की चर्चा हो रही है। यहां की जनता अतिथियों के स्वागत में जी-जान से जुट गई।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर को स्वच्छता और स्वाद की राजधानी कहा है, इंदौर तो जन-भागीदारी की राजधानी भी है। यहां प्रवासी भारतीयों ने नमो ग्लोबल पार्क में पौधे भी लगाए हैं और वे प्रेम के साथ अब पेड़ के बंधन से भी बंध चुके हैं। अतिथियों को क्यू आर कोड दिए गए हैं, जिसमें वे रोपे पौधे की देख-रेख जान सकेंगे। उन्हें यह वृक्ष इंदौर का स्मरण कराते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति है ,धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो,प्राणी में सद्भावना हो और विश्व में सभी का कल्याण हो। जब पर्यावरण बचेगा तो सभी का कल्याण भी होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पंचामृत का सिद्धांत दिया है। भारत का यह संदेश पूरे विश्व में पहुँचाने का कार्य प्रवासी भारतीय कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना अद्भुत है। जब प्रदेश में लिंगानुपात गड़बड़ हो रहा था तो यह योजना प्रारंभ की गई। बालिकाओं को शिक्षा सहित करियर निर्माण के लिए सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। अब योजना के नए स्वरूप में लाड़ली लक्ष्मी योजना-2 के तहत मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों की फीस राज्य सरकार भरेगी।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर 19.76 प्रतिशत है जो देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़ कर 4.6 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश भारत का फूड बॉस्केट बन गया है। गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। गुणवत्ता में भी प्रदेश का गेहूं बहुत अच्छा है और चावल सहित मध्यप्रदेश के अन्य उत्पाद भी पहचान बना रहे हैं। सुशासन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश आगे है।
मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी अपील की कि प्रवासी भारतीय जिन देशों में रह रहे हैं वहां मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए हेल्प डेस्क बनाएं, जिससे बच्चों को सुविधा दी जा सके।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आह्वान किया कि मध्यप्रदेश को न भूलें। अगले 2 दिन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हो रही है, इसमें भी निवेश के उद्देश्य से हिस्सेदारी करें। उन्होंने बताया कि फ्रेंडस ऑफ एमपी पोर्टल से जुड़ कर प्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश के दोस्त बन सकते हैं। भले ही मध्यप्रदेश में निवेश करें अथवा न करें पर वर्ष में एक बार जरूर भारत आएँ। मध्यप्रदेश के प्रवासी भारतीय प्रदेश के नगरों एवं ग्रामों के गौरव दिवस के अवसर पर अवश्य पधारें।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की पर्यटन सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कूनो पालपुर में फरवरी माह से चीता देखने की सुविधा, प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व और प्रदेश के से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी भारतीय इंदौर की यादों को लेकर विदा हो रहे हैं। ऐसे में मन कहता है कि “जब तुम चले जाओगे, तो याद बहुत आओगे”। उन्होंने आगे जोड़ा “तुम बिन लगेगा राजवाड़ा सूना और सराफा सूना, सूना तुम बिन लगेगा ये हृदयघट सूना”।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रख्यात शायर डॉ. बशीर बद्र के इस शेर के साथ संबोधन का समापन किया – “मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी, किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।”
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रवासी भारतीयों को एल.ई.आर. लर्न-अर्न एंड डू रिटर्न का संदेश देते हुए कहा कि आपका भविष्य यहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य की अवधारणा पर कार्य करते हुए संपूर्ण विश्व में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मातृभूमि की माटी हर व्यक्ति की वास्तविक पहचान होती है। भारत का कोई भी पुत्र-पुत्री भारतीयता से जुदा नहीं हो सकता, इसी सोच के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन आरंभ किया। यह सम्मेलन अतुल्य संगम की अनुभूति प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी प्रतिभा की छाप सभी क्षेत्रों में छोड़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार आदि क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने विश्व को उबारने का सामर्थ्य प्रदर्शित किया है। भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
सिंधिया ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा, सहूलियत और समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड काल में प्रवासी भारतीयों सहित विश्व के कई देशों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की। यूक्रेन युद्ध के समय भारत के विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालना प्रधानमंत्री मोदी के प्रभाव और प्रयासों से ही संभव हुआ। प्रधानमंत्री मोदी का यह विचार कि “भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता” पूर्णत: सत्य सिद्ध हो रहा है। “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड” के समान ही भारत ने विश्व को वन मोदी की सौगात प्रदान की है।
आभार माना : इससे पहले केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्वागत भाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने तथा सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली द्वारा कार्यक्रम में सहभागिता के लिए आभार माना तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय उत्पादों की संपूर्ण विश्व में मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व के विभिन्न देशों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए केन्द्र शासन द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन अतीत के बलिदान को स्मरण करते हुए भविष्य के सपनों को साकार करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का अवसर है। (एजेंसी, हि.स.)