ईरान ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को कहा कि एक मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया है कि महसा अमिनी की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है। अमिनी को सितंबर में पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिन्होंने कहा था कि उसने अपने बालों को हिजाब से ठीक से कवर नहीं किया था। वह एक पुलिस स्टेशन में गिर गई और तीन दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। अमिनी की मौत की वजह से देश भर के दर्जनों शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसमें युवतियों ने सड़कों पर मार्च किया और सार्वजनिक रूप से अपने बाल काट लिए थे।
दरअसल, आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने शुक्रवार को इस बात की सूचना दी कि महसा अमिनी की मौत में एक ईरानी कोरोनर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह सिर और अंगों पर वार करने के कारण नहीं बल्कि सेरेब्रल हाइपोक्सिया के कारण कई अंगों की विफलता से मौत हुई है। वहीं, अमिनी के पिता ने कहा है कि उसके पैरों में चोट लगी थी और उसकी मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।
मेडिकल की रिपोर्ट में कहा गया है कि महसा अमिनी की मौत सिर और अंगों पर वार करने से नहीं हुई। उसने यह नहीं बताया कि उसे कोई चोट आई है या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपनी बीमारियों की वजह से हिरासत में गिर गई थी। पहले महत्वपूर्ण मिनटों में अप्रभावी कार्डियो की वजह से कारण अमिनी को गंभीर हाइपोक्सिया का सामना करना पड़ा और परिणामस्वरूप मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा।
दूसरी तरफ अमेरिका ने माहशा अमीनी की मौत के बाद ईरान सरकार के अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार (6 अक्टूबर) को और पाबंदियां लगाईं है। अमेरिकी वित्त कार्यालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण विभाग ने ईरान में इंटरनेट सेवा बंद करने और लोगों की आवाज दबाने के साथ प्रदर्शनकारियों, नागरिकों के खिलाफ हिंसा को लेकर 7 उच्चाधिकारियों पर वित्तीय पाबंदियां लगाई हैं। साथ ही ईरान के आंतरिक और संचार मंत्रियों और कई कानून प्रवर्तन नेताओं पर भी पाबंदी लगायी गई है।