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77 वर्षीय व्यक्ति ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड, असंभव को किया संभव..अपने आप में बना अनूठा रिकॉर्ड

देश-विदेश Published by: Pushplata Updated Tue, 08 Aug 2023 08:30 PM
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77 वर्षीय व्यक्ति ने सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले ट्रिपल हार्ट बाईपास रोगी के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले, यह रिकॉर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका के डेलबर्ट डेल मैकबी के नाम था, जिनका 2015 में 90 वर्ष की आयु में – 41 वर्ष और 63 दिन के ऑपरेशन के बाद निधन हो गया था।

यूके के 77 वर्षीय कॉलिन हैनकॉक (Colin Hancock) ने सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले ट्रिपल हार्ट बाईपास रोगी के रूप में गिनीज रिकॉर्ड बनाया है। जिसका मतलब है कॉलिन हैनकॉक 3 बार ट्रिपल हार्ट बाईपास सर्जरी करने के बावजूद अभी तक पूरी तरह स्वास्थ हैं।

कॉलिन हैनकॉक को 30 साल की उम्र में कॉलिन को सीने में दर्द होने लगा, जिसके कारण उन्हें ट्रिपल हार्ट बाईपास सर्जरी करानी पड़ी। डॉक्टरों ने उन्हें चेतावनी दी की उनकी उम्र काम हो सकती है। यही नहीं, इसके साथ जीवन भर हृदय की समस्याओं से जूझने की संभावनाओं के बारे में भी डॉक्टरों ने चेतावनी दी। लेकिन, अब 77 वर्ष की आयु में, कॉलिन ने ठोस और लचीला रहते हुए सभी को आश्चर्य में डाल दिया है।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, 4 अगस्त को उनके ऑपरेशन के 45 साल और 361 दिन पूरे हो गए। जिससे वह दुनिया के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले ट्रिपल हार्ट बाईपास रोगी (triple heart bypass patient) बन गए।

कॉलिन हैनकॉक की सर्जरी

कॉलिन को पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Hypercholesterolemia) है, जो एक आनुवंशिक बीमारी है जो अधिक कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) और कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Disease) का कारण बनता है।

कुछ गड़बड़ है इस बात का पता उन्हें तब चल जब, दौड़ने के दौरान उन्हें अपनी छाती के बीच में तेज दर्द महसूस हुआ। इसके बाद एक बार, एक खड़ी पहाड़ी पर चलते समय, उन्हें अपनी छाती के चारों ओर एक इलास्टिक बैंड के कसने की अनुभूति याद आती है।

अपनी पत्नी के आग्रह पर वह एक डॉक्टर के पास गये। उन्होंने डॉ. स्नाइडर को धन्यवाद कहा, जिन्होंने कॉलिन को व्यायाम ईसीजी (exercise ECG) करने पर जोर दिया। उस समय व्यायाम ईसीजी मशीन की कमी के कारण, कॉलिन सीढ़ियों से ऊपर-नीचे तब तक दौड़ते रहे, जब तक कि उन्हें अपने सीने में गर्माहट महसूस नहीं हुई, जो एनजाइना (Angina) की शुरुआत थी। इसके बाद जब एक और ईसीजी लिया गया, तो उसका ग्राफ “हर जगह” था।

मार्च 1977 में कॉलिन एक हृदय सलाहकार से मिलने गए जिन्होंने उनकी छाती में एक केंद्रीय कैथेटर डाला था। फिर, उन्हें “वायरिंग अप” के लिए एक अलग अस्पताल ले जाया गया। ऑपरेशनों की प्रभावशीलता देखने के बाद अधिक आत्मविश्वास महसूस करते हुए, कॉलिन अस्पताल गए। तीन दिन बाद उनकी प्रक्रिया हुई। इस प्रकार से उनके हार्ट की 3 बार सर्जरी हुई। आख़िरकार उनकी तीनों सर्जरी सफल रही और ऑपरेशन के 12 दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

जहां तक ठीक होने की बात है, उन्होंने पूरी तरह से फिट होने के लिए काम किया और अकाउंटेंट के रूप में अपनी नौकरी पर भी लौट आए।

 

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