अदना :
तुर्की और सीरिया में भूकंप के कहर के चलते मरने वालों का आंकड़ा 15 हजार के पार पहुंच गया है. व्यापक तबाही के बीच मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. करीब 50 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. वहीं बड़ी तादाद में लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. भारत, चीन और अमेरिका सहित कई देशों ने तुर्की और सीरिया को मदद भेजी है. इसमें बचाव दल के साथ-साथ मेडिकल व्यवस्था और राहत सामग्री शामिल है.
वहीं अभी भी तुर्की और सीरिया में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में यूनाइटेड स्टेस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक तुर्की के नूरदगी शहर में एक बार फिर 4.3 की तीव्रता से आए भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. भूकंप से आई तबाही के बाद मलबे के नीचे फंसे लोगों के जिंदा होने की अभी भी आशंका है.
इसको देखते हुए राहत-बचाव कार्य काफी संभलकर चल रहा है, जो जिंदा हैं, वो मलबों के ढेर में अपनों को ढूंढ रहे हैं. दिनरात मलबे की खुदाई चल रही है. वहीं बढ़ती ठंड और बर्फबारी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हो रही है. जमा देने वाले तापमान में मलबे के नीचे दबे हुए लोगों को अब कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक तुर्की और सीरिया में मलबे के नीचे फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब एक लाख लोग जुटे हुए हैं, जिसमें अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी जुटी हुई हैं. हालांकि फिर भी रेस्क्यू करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है. लोग मलबे के अंदर से चीख रहे हैं, लेकिन उन्हें बाहर निकालने वाला कोई नहीं है.