चीनी यानी शुगर हमारी डाइट का एक जरूरी हिस्सा है। हम रोजाना किसी न किसी रूप में शुगर इनटेक करते हैं। चाय-कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर कई मीठे फूड आइटम्स तक शुगर किसी न किसी तरीके से हमारी जीवनशैली में शामिल है। हालांकि, जरूरत से ज्यादा चीनी का सेवन हमारी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसकी वजह से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग समेत कई समस्याएं हमें अपनी चपेट में ले सकती है।
लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आप चीनी को अपनी डाइट में पूरी तरह दूर कर देंगे, तो इससे आपकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा। अगर नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं एक महीने तक चीनी न खाने से आपकी सेहत पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं।
अगर आप अपनी डाइट से चीनी हटा देते हैं, तो इससे आपको ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में काफी मदद मिलेगी। ऐसा करने से इंसुलिन उत्पादन को रेगुलेट करने और टाइप 2 मधुमेह और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
चीनी कैलोरी का एक मुख्य स्त्रोत है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में इसे खाने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। हालांकि, अगर आप अपनी डाइट से चीनी अलग कर देते हैं, तो इससे कौलोरी का सेवन कम होता है, जिससे वजन कम हो सकता है या बेहतर वजन प्रबंधन हो सकता है।
रिपाइंड शुगर के सेवन से ब्लड शुगर लेवल में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिलती है। इसकी वजह से आप थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकते हैं। लेकिन अगर आप चीनी खाना छोड़ देते हैं, तो इससे आपका ऊर्जा स्तर पूरे दिन अधिक स्थिर रहता है और जिससे आपकी पूरी ऊर्जा में सुधार होता है।
अगर आपको ज्यादा चीनी खाने की आदत है, तो आपको इसकी लत लग सकती है और नियमित रूप से इसका सेवन करने से चीनी खाने की क्रेविंग हो सकती है। लेकिन जब आप अपनी डाइट से चीनी को हटाते हैं, तो यह मीठा खाने की आपकी क्रेविंग्स को कम करने लगता है।
दांतों की सड़न के लिए चीनी एक प्रमुख कारण है। ऐसे में चीनी कम करने से दांतों की समस्याओं जैसे कैविटीज और मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है, जिससे ओरल हेल्थ में सुधार होता है।
चीनी के सेवन से त्वचा की समस्याएं जैसे मुंहासे और समय से पहले बूढ़ा होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। ऐसे में चीनी छोड़ने से त्वचा साफ और स्वस्थ नजर आने लगती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।