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कमर दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना करें गोमुखासन : Gomukhasana करने का तरीका-विधि जानें

स्वास्थ्य Published by: Paliwalwani Updated Sun, 19 Sep 2021 03:57 AM
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विशेषज्ञों की मानें तो कमर दर्द को प्राथमिक स्तर पर ठीक किया जाता है. इसके लिए सबसे पहले बैठने के तरीके में सुधार करें. साथ ही रोजाना एक्सरसाइज और योग जरूर करें. योग के कई आसन हैं. इनमें एक आसन गोमुखासन है. लंबे समय तक एक ही पॉश्चर में बैठने या काम करने से कमर दर्द की शिकायत होती है. खासकर कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दिनों में लोग अपने घरों में बंद थे और घर से ही काम कर रहे थे. इस दौरान लोगों के रहन-सहन में व्यापक बदलाव देखने को मिला. घर में ऑफिस जैसा माहौल और वर्क स्टेशन न होने के चलते लोगों में कमर दर्द जैसी समस्या देखी गई है. विशेषज्ञों की मानें तो कमर दर्द को प्राथमिक स्तर पर ठीक किया जाता है. इसके लिए सबसे पहले बैठने के तरीके में सुधार करें. साथ ही रोजाना एक्सरसाइज और योग जरूर करें. योग के कई आसन हैं. इनमें एक आसन गोमुखासन है. इस योग को करने कमर दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है. आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं.

● गोमुखासन क्या होता है : गोमुखासन दो शब्दों गौ और मुख से मिलकर बना है. आसान शब्दों में कहें तो गौ की तरह मुखकर आसन करना गोमुखासन कहलाता है. इस योग को करने से सेहत पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है.

● गोमुखासन करने का सही तरीका :  इसके लिए सबसे पहले शांत और हवादार स्थान पर चटाई बिछाकर सुखासन मुद्रा में बैठे जाएं. अब अपने दाएं पैर को बाएं और बाएं पैर को दाएं जांघ पर रखें. इसके बाद अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर से पीठ की तरफ ले जाएं और बाएं हाथ की मदद से दाहिने हाथ को पकड़ने की या मिलाने की कोशिश करें. इस मुद्रा में रहकर धीरे-धीरे सांस लें और सांस छोड़ें. शुरुआत के दिनों में गोमुखासन करना आसान नहीं होता है. इसके लिए योगा एक्सपर्ट की निगरानी में गोमुखासन करें.

● कमर दर्द में फायदेमंद : गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने से कमर दर्द की समस्या से बहुत जल्द निजात मिलता है. इसके लिए रोजाना गोमुखासन जरूर करें. साथ ही इस आसन को करने से मधुमेह, तनाव, अस्थमा आदि रोगों में भी आराम मिलता है.

● सबसे पहले आपको Gomukhasana Benefits के बारे में जान लेना चाहिए. स्वास्थ्य के लिहाज से गोमुखासन कई प्रकार के फायदे प्रदान करता है. यह फायदे इस प्रकार से है :

  • इस आसन से ह्रदय स्वस्थ बना रहता है.
  • गोमुखासन को करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है.
  • यह आसन मधुमेह को नियंत्रित करने में असरदार है.
  • इस आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत बनती है.
  • गोमुखासन तनाव और चिंता से राहत दिलाता है.

गोमुखासन के यह सभी लाभ इस आसन को बहुत ही महत्वपूर्ण बना देते हैं. आप भी शासन को सुबह और शाम कुछ समय के लिए करेंगे तो आपको इस आसन से होने वाले फायदे दिखने लगेंगे. बस इस बात का ध्यान रखें कि आप इस आसन को नियमित तौर पर करें और अच्छे आहार का पालन करें.

● Gomukhasana करने का तरीका /विधि : दोस्तों, Gomukhasana करने का तरीका काफी सरल है. इसके लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन करें :

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक समतल जगह पर योगा मैट बिछा लें.
  • मैं बिछा लेने के बाद उस पर डंडा सेन की स्थिति में बैठ जाइए.
  • यह ऐसी स्थिति है जिसमें आपके दोनों पैर सामने की तरफ फैले हुए होंगे और आपके हाथ आपके शरीर से बिल्कुल सटे हुए होंगे और जमीन के भी पास रहेंगे.
  • अब आपको अपने दाएं पैर को इस तरह से मुड़ना है कि वह आप अपनी भाई जान के नीचे ले जा सके. जिसे आप अपने नितंबों के पास जमीन पर रखें.
  • इसके बाद आप अपने बाएं पैर को उसी तरह मोड़े और दाएं तरफ से ले जाते हुए नितंबों के पास जमीन पर रखें.
  • अब आपको अपने दाएं हाथ को ऊपर उठाना है और उसे कोनी से मोड़ते हुए पीठ की तरफ ले जाना है.
  • इसके उपरांत अब यही चीज आप अपने बाएं हाथ से भी करें और उसे भी मोड कर पीर की तरफ ले जाएं.
  • अब आपको अपनी दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से पकड़ने का प्रयत्न करना है.
  • ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पीट बिल्कुल सीधी रहे.
  • हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से पकड़ लेने के बाद स्थिति में थोड़ी देर के लिए बने रहे.
  • सांसो को नियमित रूप से लेते रहें.
  • इसके उपरांत सामान्य स्थिति में वापस आदमी की प्रक्रिया को शुरू करें-
  • यह एक आधा चक्र है.
  • सामान्य स्थिति में आ जाने के बाद अब दूसरी तरफ से इसी प्रक्रिया को वापस दोहराएं.
  • अब आप अपना पूरा चक्र कर चुके हैं.
  • इस आसन को कम से कम तीन से चार बार जरूर कर
  • गोमुखासन की सावधानियां : गोमुखासन को करते समय कुछ सावधानियों को बर्तन भी काफी आवश्यक है. यह सावधानिया इस प्रकार से है.

  • अगर आपको हाथ पीछे ले जाते समय कभी भी Gomukhasana को करते समय दर्द होने लगे तो इस आसन को वहीं छोड़ दें. अपने शरीर के साथ जबरदस्ती ना करें. धीरे-धीरे नियमित अभ्यास से आप इसे आसानी से करने लगेंगे.
  • कई बार शुरुआती दिनों में दोनों पैर के घुटने मोड़ने पर भी दर्द महसूस होता है तब भी इस आसन को ना करें.
  • अगर आप मांसपेशियों में दर्द महसूस करते हैं तब भी इस आसन को करने से बचें.
  • अगर आपको रीड की हड्डी पर संबंधी किसी तरह की परेशानी है तो इस आसन से दूर रहे.

● डॉक्टर की सलाह जरूर लें : स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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