Health Alert : हमारी बॉडी इलेक्ट्रिक मशीन बन गई है जिससे हम एक के बाद एक काम लेते हैं और उस मशीन की रख-रखाव को नज़र अंदाज कर देते हैं। खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल कम उम्र में ही हमें कई बीमारियों का शिकार बना रहा है। यूरिक एसिड का बढ़ना एक ऐसी परेशानी है जो लोगों को कम उम्र में ही अपनी चपेट में ले रही है। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से बनते हैं। यूरिक एसिड बनने से बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। जोड़ी में दर्द इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है। आइए जानते हैं हाई यूरिक एसिड के कौन कौन से लक्षण है और इस बीमारी के पनपने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं।
यूरिक एसिड प्यूरिन से भरपूर फूड्स जैसे सूखे बीन्स, उड़द दाल,रेड मीट,अल्कोहल, मटर और बीयर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से तेजी से बढ़ता है। रोजाना प्यूरीन डाइट का सेवन तेजी से ब्लड में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता है।
वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स मीरा रोड के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष बघेल ने बताया यूरिक एसिड बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण साफ दिखने लगते हैं। एड़ियों में दर्द होना, पैर के अंगूठे में दर्द होना, पैर के पंजों में दर्द होना, घुटनों, कमर और हाथों को कलाइयों में दर्द होना हाई यूरिक एसिड के लक्षण हो सकते हैं।
यूरिक एसिड का बढ़ता स्तर गाउट, किडनी में पथरी और गठिया के दर्द का जोखिम बढ़ा देता है। खराब लाइफस्टाइल में बदलाव करके और कुछ घरेलू उपचार को अपनाकर आप 10 दिनों में हाई यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। हाल ही में इंस्टाग्राम पोस्ट पर सतिंदर कौर ने एक पोस्ट शेयर करके दावा किया है कि अगर कुछ नुस्खों को अपना लें तो सिर्फ 10 दिनों में यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकते हैं।
इंस्टाग्राम रील में दावा किया गया है कि ताजा खीरे के जूस में एक चुटकी ताजा जीरा पाउडर, नींबू का रस और काला नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट लिया जाए तो आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल करने के लिए आप डाइट से प्रोटीन का सेवन करने पर कंट्रोल करें।
वजन को कंट्रोल करके आप आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। डॉ. चौधरी ने बताया कि वजन को कंट्रोल करने के लिए बॉडी एक्टिविटी को बढ़ाएं, हेल्दी डाइट का सेवन करें और पोषक तत्वों से भरपूर खाने का सेवन करें तो आसानी से आप अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।
शराब और शुगर वाले ड्रिंक जैसे सोडा और मीठा जूस का अधिक सेवन गाउट के खतरे का जोखिम बढ़ा सकता है। इन फूड्स का सेवन करने से डाइट में कैलोरी का सेवन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म से संबंधित समस्याएं भी बढ़ती है जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि विटामिन सी का सेवन करने से ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। विटामिन सी का सेवन करने से गाउट का खतरा टलता है और गाउट के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।