नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी देने के बाद अब ईपीएफओ ने कर्मचारियों को एक और बड़ी राहत दी है।
ईपीएफओ ने पीएफ ट्रांसफर (EPF Transfer) की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। इसके तहत अब सेवा अवधि में ओवरलैप यानी एक ही दिन में दो कंपनियों में नौकरी दिखने पर पीएफ का पैसा ट्रांसफर करने या निकालने के दावे को खारिज नहीं किया जाएगा, इस संबंध में ईपीएफओ ने एक सर्कुलर भी जारी किया गया है।
20 मई 2025 को ईपीएफओ द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि अब ट्रांसफर क्लेम को सिर्फ इसलिए रिजेक्ट नहीं किया जाएगा क्योंकि दो कंपनियों की सर्विस डेट्स में ओवरलैप है। ओवरलैपिंग सेवा के कारण ट्रांसफर क्लेम को सीधे रिजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह कई बार जेनुइन यानी सही कारणों से भी हो सकता है।
अगर किसी ट्रांसफर क्लेम में ओवरलैपिंग डेट्स मिलती हैं तो संबंधित क्षेत्रीय ऑफिस को उस क्लेम को रिजेक्ट नहीं करना है, ऐसे मामलों में केवल तब ही सफाई मांगी जाएगी जब असल में ऐसा करने की जरूरत हो ।ट्रांसफर ऑफिस को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे बिना क्लेम लौटाए या रिजेक्ट किए, प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं और केवल जरूरी मामलों में ही स्पष्टीकरण लें।
सर्कुलर में पुराने निर्देशों को दोहराते हुए कहा गया है कि ट्रांसफर करने वाले (source) ऑफिस की जिम्मेदारी है कि वह सभी डिटेल्स की जांच कर यह पक्का करें कि ट्रांसफर में कोई गलती न हो। पेंशन डिवीजन ने उन कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन भी दी है जिनके पास एक से अधिक पीएफ खाता नंबर हैं, ताकि उन्हें ईपीएस (पेंशन योजना) का लाभ मिल सके। बता दे कि जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो वह अपने पुराने एंप्लॉयर के ईपीएफ खाते से नए एंप्लॉयर के ईपीएफ खाते में बैलेंस ट्रांसफर कर सकता है, इसी प्रक्रिया को ट्रांसफर क्लेम कहा जाता है।