नई दिल्ली :
देशभर में ज्वैलरी स्टोर चलाने वाली कंपनी पीसी ज्वैलर्स ने एसबीआई सहित कई बैंकों से कर्ज लिया था. इसमें एसबीआई सबसे बड़ा कर्जदाता बैंक है. लेकिन, 2 साल से भी ज्यादा लंबे समय से पीसी ज्वैलर्स ने बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया. लोन अकाउंट डिफॉल्ट होने की वजह से एसबीआई ने अब PC Jewellers को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में घसीटा है. बैंक ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने और कर्ज की वसूली को लेकर अपील दायर की है. कंपनी ने बताया है कि पीसी ज्वैलर्स का अकाउंट जून, 2021 से ही नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया जा चुका है. एसबीआई ने बुधवार को NCLT में पीसी ज्वैलर्स के खिलाफ मामला दायर किया है. NCLT की मुख्य बेंच अगस्त के पहले महीने में इसकी सुनवाई करेगी.
एसबीआई ने NCLT में दायर अपनी अपील में कहा है कि पीसी ज्वैलर्स के लोन अकाउंट को जून, 2021 से ही एनपीए घोषित किया जा चुका है. बावजूद इसके कंपनी ने लोन का अमाउंट या उसका ब्याज नहीं चुकाया है. कंपनी का कारोबार आज भी देशभर में चल रहा है, लेकिन बैंकों से लिए कर्ज को चुकाने में लगातार नाकाम हो रही है. अगर बैंक की अपील स्वीकार की जाती है और दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू होती है तो कंपनी के एसेट बेचकर बैंकों का कर्ज वसूला जाएगा.
पीसी ज्वैलर्स ने वित्तवर्ष 2021-22 की अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया था कि उसने 14 बैंकों से कर्ज उठाया है. इसमें एसबीआई, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक और पीएनबी जैसे कई बड़े बैंक शामिल हैं. इसमें से सबसे ज्यादा कर्ज एसबीआई का था, जो करीब 1,060 करोड़ रुपये है. इस साल 30 मई को जारी सालाना रिपोर्ट में भी कंपनी ने बताया है कि उसका कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और 2022-23 की शुरुआती 3 तिमाहियों में कारोबार को काफी बढ़ावा मिला है. इसके अलावा यूनियन बैंक से 530 करोड़ का कर्ज लिया है, जबकि पीएनबी से 478 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक से 226 करोड़ रुपये का लोन उठाया है.
पीसी ज्वैलर्स ने पिछले साल एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया था कि उसने कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 3,466.28 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन डिफॉल्ट किया है. 30 सितंबर, 2022 तक पीसी ज्वैलर्स के ऊपर 3,466.28 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. इस लोन पर 295.31 करोड़ रुपये का ब्याज भी बकाया बताया गया था. कंपनी ने यह भी बताया था कि पिछले वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में उसे 85.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ भी हुआ है.
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