नई दिल्ली : कांग्रेस एक नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक सदस्यता अभियान चलाने जा रही है. इसको लेकर पार्टी की ओर से नया मेंबरशिप फॉर्म जारी किया गया है. सार्वजनिक मंचों से अपनी ही पार्टी की आलोचना करने वाले जी-23 नेताओं से कांग्रेस सावधान हो गई है. पार्टी की ओर से 1 नवंबर 2021 से शुरू हो रहे सदस्यता अभियान को लेकर मेंबरशिप फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं. इसके तहत पार्टी ने दस बिंदुओं का उल्लेख किया है, जिसमें एक शर्त यह भी है कि सदस्यता लेने वाले व्यक्ति को यह हलफनामा देना होगा कि वह पार्टी की नीतियों व निर्णयों की आलोचना सार्वजनिक तौर पर नहीं करेगा.
कांग्रेस पार्टी के सांगठनिक चुनाव Congress Sangathan Chunav से पहले चलने वाले सदस्यता अभियान की शुरुआत इस साल 1 नवंबर 2021 को होगी. सदस्यता अभियान अगले साल 31 मार्च 2022 तक जारी रहेगी. नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव अगले साल 21 अगस्त से 20 सितंबर 2022 के बीच होगा. एनकाउंटर के खौफ से दोनों हाथ उठाए सरेंडर करने थाने पहुंचा हिस्ट्रीशीटर, बोला- अपराध से कर लिया तौबा. बता दें कि हाल ही कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमिटी Congress Working Committee में इस फैसले पर मुहर लगाई गई है. नए फॉर्म के मुताबिक, सदस्यता लेते समय नए सदस्यों को घोषणा करनी होगी कि वह सीलिंग कानून से अधिक प्रॉपर्टी नहीं रखेंगे. वे पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों में शामिल होते हुए शारीरिक श्रम या काम करने में संकोच नहीं करेंगे. नए सदस्यता अभियान से पहले तैयार किए गए फॉर्म Congress Membership form के मुताबिक, नए सदस्यों को 10 व्यक्तिगत वादे करने होंगे. नए सदस्यों को यह भी लिखित में देना होगा कि वे किसी तरह के सामाजिक भेदभाव में शामिल नहीं होंगे और समाज से इसे खत्म करने के लिए काम करेंगे.
कांग्रेस का सदस्य बनने की इच्छा रखने वालों को इस नए फॉर्म पर लिखित में सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा. लिखित में यह वादा करना होगा कि "मैं खादी पहनने का आदी हूं. मैं शराब और ड्रग्स से दूर रहता हूं. मैं सामाजिक भेदभाव नहीं करता और इसे समाज से हटाने की दिशा में काम करने में विश्वास करता हूं. मैं किसी भी प्रकार के शारीरिक श्रम सहित सौंपे गए काम को करने के लिए तैयार हूं. " बता दें कि बीते 16 अक्टूबर 2021 को नई दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में सांगठनिक चुनावों का फैसला किया गया था. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि हाल ही में लखीमपुर खीरी की भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागर किया है कि वो किसान आंदोलनको कैसे देखती है, किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल सामरिक और आर्थिक उद्देश्य रहे हैं बल्कि इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं. लेकिन ये सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बेचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे के चलते खतरे में है. कांग्रेस वर्किंग कमिटी Congress Working Committie की उस बैठक में सोनिया गांधी ने जी-23 नेताओं को साफ संदेश दिया था कि वे पार्टी की फुल टाइम प्रेसिडेंट हैं. बता दें कि जी-23 से आशय कांग्रेस के उन 23 नेताओं से है जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस में बड़े बदलाव और फुल टाइम प्रेसिडेंट Congress President की जरूरत बताई थी. सोनिया गांधी ने बिना नाम लिए पार्टी के नेताओं को नसीहत भी दी थी कि वे साफगोई के समर्थक हैं लेकिन उनसे मीडिया के जरिए बात न करें. उसी बैठक में सोनिया गांधी ने कहा था कि संगठन चुनावों का शेड्यूल तैयार है और वेणुगोपाल जी KC Venugopal इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे. गांधी ने कहा कि पूरा संगठन चाहता है कि कांग्रेस फिर से खड़ी हो लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी हितों को सबसे ऊपर रखना जरूरी है. इससे भी ज्यादा जरूरत खुद पर काबू रखने और अनुशासन की है.