नई दिल्ली : देश में पिछले साल 2,250 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए, जो 2020 से 600 ज्यादा हैं. इस दौरान स्टार्टअप ने 24.1 अरब डॉलर जुटाए. यह आंकड़ा कोविड-19 पूर्व स्तर से दोगुना ज्यादा है. नैसकॉम और जिनोव की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दशक में स्टार्टअप ने 40.7 लाख रोजगार दिए. इनमें 6.6 लाख प्रत्यक्ष व 34.1 लाख से ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशकों का भरोसा बढ़ने के साथ स्टार्टअप प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं. इससे भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप का आधार बढ़ रहा है.
2020 के मुकाबले पिछले साल उच्च मूल्य वाले सौदे तीन गुना बढ़े. इस दौरान 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा मूल्य के सौदे हुए, जो बताता है कि सक्रिय ‘एंजल’ निवेशक जोखिम को तैयार हैं. नैसकॉम अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा, स्टार्टअप में सर्वाधिक एफडीआई अमेरिका से आ रहा है. अन्य देशों का हिस्सा भी बढ़ रहा है. 50 फीसदी सौदों में एक निवेशक भारतीय मूल का है.
घरेलू स्टार्टअप का भविष्य 2022 में और भी उज्ज्वल : नैसकॉम अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा, स्टार्टअप भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की वृद्धि में अहम योगदान देने वाली बन गई है. रिकॉर्ड तोड़ निवेश और यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या बढ़ने के साथ घरेलू स्टार्टअप का भविष्य 2022 में और भी उज्ज्वल दिख रहा है. वहीं, जिनोव के सीईओ पारी नटराजन ने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, इजराइल, चीन के मुकाबले 2021 भारतीय स्टार्टअप के लिए शानदार वर्ष रहा है. सौदों व स्टार्टअप की संख्या के मामले में वृद्धि दर सर्वाधिक रही.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को उद्योग जगत से आजादी की 75 वीं वर्षगांठ तक अगले 75 सप्ताह में 75 नए यूनिकॉर्न खड़ा करने का आह्वान किया. पिछले साल मार्च से दिसंबर के बीच देश में 43 यूनिकॉर्न पैदा हुए. नैसकॉम के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमने 12 मार्च, 2021 को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ की शुरुआत के बाद से 45 सप्ताह में 43 यूनिकॉर्न जोड़े हैं. अब हम 75 सप्ताह में 75 यूनिकॉर्न जोड़ने का लक्ष्य रखें.