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कनाडा-भारत संबंध बिगड़े तो पंजाबियों पर सबसे ज्यादा असर

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Wed, 20 Sep 2023 06:00 AM
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कनाडा-भारत संबंध बिगड़े तो पंजाबियों पर सबसे ज्यादा असर
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कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने संबंधी संगीन आरोपों के बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच तल्खी बढ़ गई है। भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

दोनों देशों के बीच शुरू हुए इस विवाद से व्यापार ही नहीं, बल्कि कनाडा में बड़ी संख्या में रहने वाले भारतीय लोगों, खासकर पंजाबियों पर भी असर पड़ेगा। पूरी दुनिया में भारत के बाद सबसे ज्यादा सिख कनाडा में ही रहते हैं।

कनाडा की कुल आबादी तकरीबन तीन करोड़ 82 लाख है और इनमें से 2.6यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं। पंजाब के लोग न केवल कनाडा में नौकरी करते हैं, बल्कि वहां की बिजनेस कम्युनिटी में भी उनका अच्छा-खासा दबदबा है। खासकर एग्रीकल्चर और डेयरी फार्मिंग वगैरह में तो पंजाबी पूरी तरह डॉमिनेट करते हैं।

पंजाबियों के अलावा कनाडा में दूसरे भारतीयों की भी अच्छी-खासी तादाद है। हरियाणा, राजस्थान, यूपी, नई दिल्ली और दक्षिण भारत के कई राज्यों के लोग बड़ी संख्या में कनाडा में हैं। भारत से हर साल हजारों स्टूडेंट्स भी कनाडा जाते हैं।

कनाडा में पंजाबी किसान होंगे प्रभावित

कनाडा के एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर और डेयरी फार्मिंग सेक्टर में पंजाबियों का पूरी तरह दबदबा है। कनाडा से खेती और बागबानी से जुड़े उत्पाद भारत सप्लाई होते हैं और इसका सीधा फायदा वहां रहने वाले पंजाबियों यानी भारतीयों को मिलता है। यदि भारत-कनाडा के संबंध बिगड़ते हैं तो इसकी सीधी मार इन्हीं भारतीयों पर पड़ेगी।

इसका असर नवंबर-2017 के एक केस से समझा जा सकता है। उस समय भारत सरकार ने पीली मटर के इंपोर्ट पर अंकुश लगाने के लिए इस पर लगने वाले टैरिफ को 50तक बढ़ा दिया था। इसका कनाडा में खेती करने वाले भारतीयों पर बुरा असर पड़ा और उन्हें अपना उत्पाद काफी कम कीमत पर पाकिस्तान को भेजना पड़ा।

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