नई दिल्ली. त्योहारी मौसम में बढ़ती खाद्य महंगाई से मोदी सरकार आम लोगों को राहत दे सकती है। इसके लिए भारत ब्रांड के तहत दाल, चावल और आटा की बिक्री फिर से शुरू करने की तैयारी है। इसकी शुरुआत इसी महीने से हो सकती है।
गौरतलब है कि महंगाई की मार से आम जनता को बचाने के लिए सरकार ने बाजार भाव से कम कीमत पर आटा, दाल और चावल बेचना शुरू किया था। सबसे पहले पिछले साल नवंबर से भारत आटा बाजार में उतारा गया था। इसके बाद इसी साल दाल और चावल की बिक्री भी शुरू की गई।
सरकार पहले सिर्फ केंद्रीय भंडार और मोबाइल वैन के माध्यम से ‘भारत आटा’ और ‘भारत चावल’ की बिक्री कर रही थी, बाद में इसे कई अन्य सरकारी और प्राइवेट किराना स्टोर पर उपलब्ध कराया गया, लेकिन जून में चावल और आटे की बिक्री बंद कर दी गई। फिलहाल कुछ दालों की ही बिक्री की जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में सब्जियों और फलों की कीमतों में वृद्धि ने खुदरा मुद्रास्फीति दर को थोड़ा बढ़ाकर 3.7 फीसद कर दिया। जुलाई में यह दर 3.6 फीसद थी। उम्मीद है कि सितंबर में यह दर और बढ़ सकती है। सब्जियों की मुद्रास्फीति जुलाई में 6.8 फीसद के मुकाबले अगस्त में 10 फीसद से अधिक हो गई। इसी तरह, फलों की मुद्रास्फीति इस अवधि के दौरान 3.5 फीसद के मुकाबले बढ़कर 6 फीसद से अधिक हो गई।
बताया जा रहा है कि इस बात इनकी दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव है। आटे का 10 किलो का बैग 275 रुपये से 300 रुपये और चावल का 10 किलो का बैग 295 से 320 रुपये के बीच मिल सकता है। वहीं, चना दाल 60 से 70 रुपये किलो बेचे जाने की बात कही जा रही है।
मूंग दाल को 107 रुपये और मसूर दाल को 89 रुपये प्रति किलो के अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ बेचे जाने की संभावना है। फरवरी में, सरकार ने भारत चावल 5 किलो और 10 किलो के पैक में 29 रुपये प्रति किलो की दर से बेचना शुरू किया था। नवंबर 2023 में भारत आटा की बिक्री 275 रुपये प्रति 10 किलो बैग पर शुरू हुई थी।