दिल्ली : मध्य प्रदेश में अगले वर्ष 2023 चुनाव को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी अब प्रदेश में इलेक्शन मोड पर आ गई है. चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के विकास के लिए मध्य प्रदेश आरएसएस और बीजेपी की समन्वय बैठक आज तकरीबन तीन घंटे तक चली. यह बैठक आरएसएस-सरकार और संगठन में समन्वय के लिए बुलाई गई थी. बैठक में प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सामूहिक नेतृत्व तक की बातें पर चर्चा की गई.
दिल्ली के 11 अशोक रोड पर मध्य प्रदेश बीजेपी की आरएसएस-सरकार-संगठन समन्वय की बैठक बुलाई थी. बैठक में आरएसएस की ओर से सहकार्यवाह अरुण कुमार, एमपी के से तीन प्रांतों के अलग-अलग प्रमुख अशोक अग्रवाल, यशवंत और जयेश मौजूद थे. इस दौरान आरएसएस के सहकार्यवाह अरुण कुमार ने प्रदेश में इशारों-इशारों में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने की बात कही.
प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने संगठन के विस्तार का खाका और प्रदेश में 2023 में होने वाले चुनावों की योजना भी बताई है. इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने 2023 के मद्देनजर आदिवासी और अनुसूचित जाति में नेतृत्व विस्तार की ज़रूरत भी बताई. उन्होंने कहा कि इस वर्ग से नए और युवा नेतृत्व को खड़े करने की ज़रूरत है. वहीं इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि सरकार में पारदर्शिता जरूरी है. संगठन के विस्तार के साथ-साथ सरकार और संगठन में समन्वय की जरूरत है. नड्डा ने कहा कि ऐसी बैठक बेहतर समन्वय के लिए महीने-दो महीने में होती रहनी चाहिए.
आरएसएस के नेताओं ने इस बैठक में साफ कहा कि हमारी लड़ाई कांग्रेस से है, लेकिन कांग्रेस के पीछे PFI, भीम आर्मी जैसे संगठन भी हैं. इसलिए मौजूदा परिस्थिति में संगठन विस्तार की भी आवश्यकता है और इस दिशा में लगातार काम करने की जरूरत है. इस दौरान देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक में मौजूद थे.