20 सालों के बाद तालिबान ने एक बार फिर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के डर से अफगानी लोग अपना देश छोड़कर भाग रहे हैं और जो नागरिक दूसरे देशों में हैं, वे वापस अपने वतन जाना नहीं चाहते हैं। भारत में मौजूद अफगानी नागरिक राजधानी दिल्ली में अलग-अलग देशों के दूतावास के सामने इकट्ठा हो रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं।भारत में मौजूद अफगानी नागरिक आज दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर इकट्ठा हुए हैं। वे भारत और अमेरिकी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
अमेरिकी दूतावास के बाहर मौजूद एक अफगानी नागरिक ने कहा- तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वहां मेरा परिवार डरा हुआ है। हम भारत और अमेरिका से समर्थन का अनुरोध करते हैं। हमारे पास यहां कोई नौकरी नहीं है और हम आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के बाहर जुटे अफगानी नागरिकों में से एक सईद अब्दुल्ला ने कहा- मैंने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शरणार्थियों को स्वीकार करने और उन्हें इमिग्रेशन वीजा देने की घोषणा की है, लेकिन यहां का दूतावास हमें कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। मुझे नहीं पता क्या करना है।
एक अफगानी नागरिक ने कहा- हमने सुना है कि ऑस्ट्रेलियाई दूतावास अफगान नागरिकों को 3000 वीजा दे रहा है। जब हम यहां आए तो उन्होंने हमें एक फॉर्म दिया जिसमें कहा गया है कि हमें पहले UNHCR को एक ईमेल भेजना होगा जो हमें वीजा के लिए दूतावास के पास भेजेगा, लेकिन UNHCR ऑफिस कोई जवाब नहीं दे रहा है।तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात बन रहे हैं उसको लेकर अफगानी मूल के लोग बहुत परेशान हैं। उन्हें अफगानिस्तान के साथ-साथ अपनी और परिवार के भविष्य की भी चिंता सता रही है।