रायगढ़ :
मामले में पुलिस की गंभीरता से जांच और पीएम रिपोर्ट पर से पर्दाफाश हुआ। जानकारी के मुताबिक महिला के अकाल मृत्यु की सूचना पर लैलूंगा थाना प्रभारी उपनिरीक्षक आर. एस. तिवारी अपने स्टाफ के साथ नहरपारा, लैलूंगा पहुंचे। जहां मृतिका के शव के क्रियाकर्म की तैयारी में घरवाले लगे थे। प्रारंभिक पूछताछ में जानकारी मिली कि फूलोबाई सारथी, गजेन्द्र सारथी की दूसरी पत्नी थी।
पहली पत्नी के ओर से एक लड़का और मृतिका के दो लड़के हैं। गजेन्द्र की पहली पत्नी के फौत हो जाने के बाद फूलोबाई को दूसरी पत्नी बनाया था। दोनों पति-पत्नी में आये दिन झगड़े की बात निकलकर सामने आयी थी। गवाहों द्वारा बताये गये घटनास्थल एवं मृतिका के घर तथा शव का जांच टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया गया।
प्रथम दृष्टिया मामला संदेहास्पद प्रतीत हुआ। शव पंचनामा कार्यवाही कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। कल पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने पर डॉक्टर द्वारा मृतिका के सिर के पिछले हिस्से तथा कई स्थानों पर चोट आने और चोट का स्वभाव हत्यात्मक होना पीएम रिपोर्ट में लेख किया गया। थाना प्रभारी लैलूंगा ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की जांच में प्रारंभिक पूछताछ में ही मृतिका के पति गजेन्द्र सारथी पर पुलिस को संदेह था जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसकी पत्नी की हत्या करना कबूल कर घटना का वृतांत बताया।
आरोपी बताया कि 21 फरवरी के शाम दोनों पति पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था जिसमें उसने अपने लोहे की बैसाखी से उसकी पत्नी फूलोबाई के सिर, पीठ, हाथ पैर में मारकर चोट पहुंचाया जिससे कुछ देर बाद उसकी पत्नी मर गई, जिसके आनन-फानन में क्रियाकर्म (अग्निदाह) की तैयारी कर रहे थे। छोटा बेटा सब जान गया, पकड़े जाने से अपने 16 वर्षीय बेटे को धमकाया और थाने में उसकी मां के सीमेंट पोल से टकराकर मौत हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराने को बोला। आरोपी गजेन्द्र सारथी उम्र 50 साल निवासी नहरपारा लैलूंगा के मेमोरेंडम पर घटना में प्रयुक्त बैसाखी, गमछा जिसमें खून के छिंटे लगे हैं जब्त किया गया है । लैलूंगा पुलिस ने आरोपी को हत्या और साक्ष्य छुपाने के अपराध में गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी सदानंद कुमार के महत्वपूर्ण दिशा निर्देशन एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ श्री दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर आरोपी पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी लैलूंगा उपनिरीक्षक रामाशंकर तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक चंदन सिंह नेताम, एएसआई टीआर खुंटिया, प्रधान आरक्षक सोमेश गोस्वामी, आरक्षक जोन टोप्पो, महिला आरक्षक शशिकला कुजूर की अहम भूमिका रही है।