बीकानेर. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद फैली अराजकता के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं की जान-माल पर हो रहे, हमलों के खिलाफ शुक्रवार 16 अगस्त 2024 को हिंदूवादी संगठनों द्वारा बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम बीकानेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जायेगा.
विप्र फाउंडेशन जोन 1-बी के जोन मीडिया प्रभारी लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन में विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव भंवर पुरोहित के आह्वान पर विप्र फाउंडेशन राजस्थान जोन 1-बी बीकानेर पूरी ताकत के साथ शामिल होगा. राष्ट्रीय सचिव भंवर पुरोहित ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं की जान-माल पर किया जा रहे, हमले व अत्याचार अमानवीय व पूर्ण निंदनीय है.
इस तरह का आतंकी व अमानवीय दुराचार किसी भी स्तर पर व सूरत में असहनीय है. इस पर तत्काल लगाम लगनी चाहिए. विप्र फाउंडेशन के जोन 1 -बी के प्रदेश अध्यक्ष धनसुख सारस्वत, महामंत्री दीपक हर्ष, सचिव नारायण पारीक, युवा प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री दिनेश ओझा, बीकानेर शहर जिलाध्यक्ष किसन जोशी, शहर महामंत्री अमित व्यास, युवा प्रकोष्ठ शहर अध्यक्ष मुकेश पुरोहित, रमेश उपाध्याय, रामस्वरुप हर्ष, जगदीश सेवग, सुभाष पुरोहित, कैलाश सारस्वत आदि विरोध प्रदर्शन मे शामिल होंगे.
बीकानेर की समस्त जागरूक और धर्मप्रेमी जनता से आह्वान है कि अभी हाल ही में हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिन्दुओं व ग़ैर मुस्लिम मतावलंबियों पर हो रहे, अमानवीय अत्याचार, माताओं-बहनों के साथ दुराचार, उनके जानमाल और आस्था केन्द्रों को नष्ट-भ्रष्ट करने का कार्य कट्टरपंथी ताकतों द्वारा किया जा रहा है.
यह हम सभी भारतीयों के लिए भी चिंताजनक है. इस कारण वहाँ की अंतरिम सरकार से भारत सरकार को वार्ता व अन्य आवश्यक कूटनीतिक संवाद-संपर्क करने की अपील की जानी है. इस प्रकार से अमानवीय अत्याचारों को रोकने, आतंकी तत्वों के नकेल कसवाने व पीड़ित समाज के जानमाल की रक्षा करने की मांग के लिए जिलाधीश बीकानेर कार्यालय के सामने दिनांक 16 अगस्त 2024 (शुक्रवार) को प्रदर्शन करके राष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन दिया जाएगा.
सभी सर्वजातीय हिंदू समाज व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय से आग्रह किया गया है कि अधिक से अधिक अपने परिजनों, मित्रों, रिश्तेदारों, परिचितों और पड़ोसियों को साथ लेकर 16 अगस्त शुक्रवार के दिन प्रातः 11:00 बजे गांधी पार्क (पब्लिक पार्क) बीकानेर मेें पहुंचे, जिससे भारत सरकार के माध्यम से बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाया जाकर समाज-धर्म की रक्षा का संकल्प पूरा किया जा सके.