भोपाल. मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के लिए मोहन सरकार ने भोपाल समेत 16 शहरों में पिंक बस चलाने का फैसला किया है.
इस समय भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की करीब 200 बसें संचालित हो रही है, लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं है. इस कारण उन्हें बसों में भीड़ में यात्रा करनी पड़ती है. पीक अवर्स में बसों में अक्सर छेड़छाड़ और चोरी की घटनाएं होती है. ऐसे में महिलाओं को सुबह 10 बजे नौकरी पर जाने के लिए और शाम 6 बजे से रात 9 के बीच दफ्तर से घर वापसी के लिए सुरक्षित परिवहन नहीं मिल पाता है.
साल 2013 में राजधानी भोपाल में महिलाओं के लिए बस सेवा शुरू हुई थी. इन बसों को बाद में मेंटेनेंस नहीं होने पर कंडम घोषित कर दिया गया था. यह बसें लंबे समय तक नहीं चल पाई थी. राजधानी में पिंक बसों के फेल होने का एक कारण यह भी था कि पिंक बसों में सिर्फ महिला यात्रियों को सफर की अनुमति थी, इनमें पुरुषों के लिए कोई एंट्री नहीं थी. वहीं अधिकतर महिलाओं को पुरुषों के साथ ही सफर करना पड़ता था.
महापौर मालती राय का कहना है की आने वाले 3 से 4 महीनों में ये पिंक बसें भोपाल की सड़कों पर दौड़ना शुरू कर देंगी। राजधानी में बढ़ते महिला अपराधों को ध्यान में रखते हुए इन बसों का संचालन किया जा रहा है। जल्दी भोपाल की सड़कों पर पिंक बसें दौड़ती नजर आएंगी। इसके बाद भोपाल की महिलाओं को एक सुरक्षित यात्रा करने का जरिया मिलेगा।
मनीषा त्रिपाठी