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नाग पंचमी के दिन राशि अनुसार अवश्य करें ये उपाय, कालसर्प समेत कई दोष हो जाएंगे दूर

ज्योतिषी Published by: paliwalwani Updated Tue, 22 Jul 2025 01:34 AM
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नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिन्हें राशि अनुसार करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी सावन माह में आने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल सावन महीने में शुक्ल पंचमी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा के साथ ही उन्हें दूध भी पिलाया जाता है। 

इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान भी सर्प दोष की मुक्ति के लिए किए जाते हैं। इसके साथ ही आप राशि के अनुसार इस दिन कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं, जो आपके जीवन से कालसर्प के साथ ही राहु दोष और केतु दोष को भी दूर कर सकते हैं। 

मेष, सिंह और धनु राशि 

यह तीनों ही राशियां अग्नि तत्व के अंतर्गत आती हैं। इन तीनों राशियों को कालसर्प और राहु केतु के दोष को दूर करने के लिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के साथ ही 'ऊं नागेंद्रहाराय नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। 

वृषभ, कन्या और मकर राशि 

पृथ्वी तत्व की इन तीनों राशियों को नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की आराधना और नाग देवता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके साथ ही संभव हो तो नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर अर्पित करें और शिव मंत्रों का जप इस दिन करें। ऐसा करने से कई दोषों से आपको मुक्ति मिलती है। 

मिथुन, तुला और कुंभ राशि 

वायु तत्व की इन तीनों राशियों को नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा और 'ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।' मंत्र का जप करना चाहिए। इसके साथ ही कंबल और सफेद खाद्य पदार्थों का दान करने से भी आपको लाभ होगा और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी। 

कर्क, वृश्चिक और मीन राशि 

इन तीनों राशियों को नाग पंचमी के दिन शिव जी की आराधना और 'अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।' मंत्र का जप करना चाहिए। यह मंत्र अगर आप 11 बार भी जपते हैं तो आपको लाभ मिलता है। इस मंत्र का जप आपको सर्प दंश के भय से बचाता है और साथ ही कालसर्प दोष से भी आप मुक्ति पाते हैं।

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● Disclaimer :इस लेख में दी गई ज्योतिष जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. पालीवाल वाणी इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें तथा चिकित्सा अथवा अन्य नीजि संबंधित जानकारी के लिए अपने नीजि डॉक्टरों से परार्मश जरूर लीजिए. पालीवाल वाणी तथा पालीवाल वाणी मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है.
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