टोंक । भगवान सूर्य देव 13 अप्रैल मंगलवार को अर्द्वरात्रि बाद 14 अप्रैल सुबह 2.31 बजे मेष राशि में जिसका स्वामी मंगल अश्विनी नक्षत्र जिसके स्वामी केतु है, उच्च के होकर प्रवेश करेंगे, इससे मलमास समाप्त होकर शुभ मांगलिक कार्यो विवाह आदि का शुभारंभ हो जाएगा । देव गुरु बृहस्पति शनि देव की कुंभ राशि में एवं शनि देव अपनी मकर राशि में विचरण कर रहे है, जिनके मांगलिक कार्यो विवाह आदि में बाधा आ रही है, उनके उच्च के सूर्य होने से एवं 18 अप्रैल से शुक्र के उदय होने तथा देव गुरु बृहस्पति के सम गृह शनि की कुंभ राशि में होने से रुके हुए कार्य इनके द्वारा सम्पन्न कराएं जाएंगे। मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि जिन कन्याओं के जन्म राशि से 1, 3, 6, 10, 4, 8, 12वें भाव में स्थित बृहस्पति से बाधा आ रही है, उनके कुुंभ राशि में बृहस्पति सम गृह होने से गतिशील रहेगा एवं मित्र नवाशं 25 अप्रैल से 18 अगस्त 2021 तक, 2 फरवरी 22 से 2 मार्च 22 तक स्व नवाशं में गतिशील रहेगा। जो विवाह में सुख, सम्पदा, पुत्र एवं प्रगति देने वाला है। बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि अबुझ मुहूर्त रामनवमी 21 अप्रैल, अक्षय तृतीया 14 मई, जानकी नवमी 20 मई, पीपलू पूर्णिमा 26 मई, गंगादशमी 29 जून, निर्जला एकादशी 21 जून, भड़ल्या नवमी 18 , देवशयनी 20 जुलाई को विवाह आदि मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त के सम्पन्न करने पर दोष नही होगा ।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-सीताराम गर्ग-मदन मोहन गर्ग...✍️