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गणगौर पूजा के समय गीत : सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक गणगौर

आपकी कलम Published by: sangita joshi-sangita paliwal Updated Mon, 04 Apr 2022 03:35 PM
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सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक गणगौर, गीतों के बिना अधूरा रहता है. 16 दिन तक गणगौर पूजा के दौरान गीत गूंजते हैं.

गणगौर पूजा के समय गीत : 

गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी,

बाहर ऊबी थारी पूजन वाली,

पूजो ए पुजावो सँइयो काँई-काँई माँगा,

माँगा ए म्हेँ अन-धन लाछर लिछमी जलहर जामी बाबुल माँगा,

राताँ देई माँयड, कान्ह कँवर सो बीरो माँगा, राई (रुक्मणी) सी भौजाई,

ऊँट चढ्यो बहनोई माँगा, चूनडवाली बहना,

पून पिछोकड फूफो माँगा, माँडा पोवण भूवा,

लाल दुमाल चाचो माँगा, चुडला वाली चाची,

बिणजारो सो मामो माँगा, बिणजारी सी मामी,

इतरो तो देई माता गोरजा ए, इतरो सो परिवार,

दे ई तो पीयर सासरौ ए,

सात भायाँ री जोड

परण्याँ तो देई माता पातळा (पति)

ए साराँ मेँ सिरदार

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