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प्रेरक कहानी : मुश्किले आती हैं लेकिन आप कैसे सामना करते हो आप पर निर्भर...

आपकी कलम Published by: paliwalwani.com Updated Sat, 19 Jun 2021 09:56 PM
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एक बार कि बात है, एक कक्षा में गुरूजी अपने सभी छात्रों को समझाना चाहते थे कि प्रकृति सभी को समान अवसर देती हैं और उस अवसर का इस्तेमाल करके अपना भाग्य खुद बना सकते है. इसी बात को ठीक तरह से समझाने के लिए गुरूजी ने तीन कटोरे लिए. पहले कटोरे में एक आलू रखा, दूसरे में अंडा और तीसरे कटोरे में चाय की पत्ती डाल दी. अब तीनों कटोरों में पानी डालकर उनको गैस पर उबलने के लिए रख दिया. सभी छात्र ये सब हैरान होकर देख रहे थे लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। बीस मिनट बाद जब तीनों बर्तन में उबाल आने लगे, तो गुरूजी ने सभी कटोरों को नीचे उतरा और आलू, अंडा और चाय को बाहर निकाला. अब उन्होंने सभी छात्रों से तीनों कटोरों को गौर से देखने के लिए कहा। अब भी किसी छात्र को समझ नहीं पा रहा था. आखिर में गुरु जी ने एक बच्चे से तीनों (आलू, अंडा और चाय) को स्पर्श करने के लिए कहा. जब छात्र ने आलू को हाथ लगाया तो पाया कि जो आलू पहले काफी कठोर हो गया था और किन पानी में उबलने के बाद काफी मुलायम हो गया था. जब छात्र ने, अंडे को उठाया तो देखा जो अंडा पहले बहुत नाज़ुक था. उबलने के बाद वह कठोर हो गया है. अब बारी थी चाय के कप को उठाने की. जब छात्र ने चाय के कप को उठाया तो देखा चाय की पत्ती ने गर्म पानी के साथ मिलकर अपना रूप बदल लिया था और अब वह चाय बन चुकी थी. अब गुरु जी ने समझाया, हमने तीन अलग-अलग चीजों को समान विपत्ति से गुज़रा, यानी कि तीनों को समान रूप से पानी में उबाला. लेकिन बाहर आने पर तीनों चीजें एक जैसी नहीं मिली. आलू जो कठोर था वो मुलायम हो गया, अंडा पहले से कठोर हो गया और चाय की पत्ती ने भी अपना रूप बदल लिया उसी तरह यही बात इंसानों पर भी लागू होती है. सभी को समान अवसर मिलते है और मुश्किले आती हैं लेकिन ये पूरी तरह आप पर निर्भर है की आप परेशानी का सामना कैसा करते हैं और मुश्किल दौर से निकलने के बाद क्या बनते हैं.

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क...✍️

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