शासन से सवाल पूछना चाहती है,..! जनता क्या 9 महीने किसी भी देश के लिए स्वास्थ्य सेवा बढ़ाने के लिए कम है क्या..! दमोह को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी, दमोह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, यह उनका बयान है क्यों नहीं आता आप के अधिकार क्षेत्र में दमोह क्या दमोह एक अलग राज्य है इन सभी सवालों के जवाब जनता जानना चाहती है। वहीं आसाम के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है जिस दिन हम मास्क लगा लेंगे उस दिन को रोना आ जाएगा। क्यों स्वास्थ्य मंत्री जी आप से पूछ कर करोना आपके पास आएगा। इस महामारी और त्रासदी को भी कुछ लोगों ने सद्भावना के लिए उपयोग में ले लिया है, चाहे वह नेता हो फिर चाहे अभिनेता सभी को इस बीमारी में एक अवसर तलाशने की तूला लगी पड़ी है। वही अमित शाह जी चुनाव हमारे अधिकार में नहीं आता उसका निर्णय तो चुनाव आयोग भी नहीं ले सकता। जो होना है तो होगा ही चाहे वह चुनाव हो ही क्यू ना हो...!!
इतने से मन नहीं भरता आम जनता का गौर कीजिए थोड़ा बाहर स्वास्थ्य के लिए भीड़ लगी हुई है। और हमारे इंदौर स्थिति गंभीर होने के बावजूद भी नेताओं अवसर ढूंढ लिया इसमें भी फूल माला सजाकर ऑक्सीजन सिलेंडर को आगे जाने दिया जिसमें 45 मिनट खराब किया वही भोपाल में शव वाहन में भी फूल माला चढ़ा कर स्वागत किया। थोड़ी भी अगर शर्म बची हो किसी के पास स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित कर दें । यह समय अभी राजनीति का नहीं है कि हम सब मिलकर राजनीति करें हम सब मिलकर इस महामारी से किस प्रकार से निजात पाई जाए यह बहुत जरूरी है। वहीं कुछ डॉक्टर और नर्सों द्वारा आमानवता देखने को मिली इनके द्वारा हजारों के इंजेक्शन अच्छे महंगे दामों में बेचे गए क्या किसी की जिंदगी से बढ़कर पैसा हो गया है..! क्या उस पैसों से वह पूरा जीवन निर्वाह कर लेती।
हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा को दिखाती हुई यह तस्वीर कुछ कह नहीं सकता मैं इस तस्वीर के बारे में क्योंकि हमारे देश की यही आ व्यवस्थाएं आपको देखने को मजबूर करती है की राजनीति अपनी अपनी जगह पर की जाए तो सही है लेकिन इन जगहों पर राजनीति ना करें क्योंकि किसी के बेटा खोने पर आप उसे लौटा नहीं सकते आप की एक छोटी सी नाकामी किसी की जान ले सकती है। हमारे देश के पास 9 महीने थे पर्याप्त स्वास्थ्य व्यवस्था को सही सलीके से व्यवस्थित करने के लिए लेकिन हम तो मस्त थे चुनाव में चुनाव पहले जरूरी था जनता से आवाहन करते थे कृपया करके आप चुनाव में भारी बहुमत से जिताए क्यों..!
जीत क्यों दिलाएं ,जनता आपको इसीलिए एक मां का बेटा उसकी गोद में तड़प- तड़प कर मर जाए स्वास्थ्य सेवाएं ना मिलने की वजह से क्या सरकार उस मां को इंसाफ दिला सकती है..! उसका बेटा लौटा सकती है ...! नहीं लौटा सकती सरकार..! सरकार ने अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी आर्थिक सहायता भी नहीं दी। यह मामला बनारस का है,इलाज के अभाव में बुजुर्ग माँ के पैरों में पड़ा नोजवान बेटे का शव है। बेटे के इलाज के लिए यहां से वहां भटकती रही लेकिन न बेड मिला, न ऑक्सीजन। अंदाज लगा सकते हो हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का।
सांसे उखड़ रही हैं, व्यवस्थाए दम तोड़ रही है। हर कोई अपनो को बचाने के लिए यहाँ वहां भटक रहा है। लेकिन सिस्टम मर गया, इंसानियत दफन हो चुकी है, बची ही तो बस लाचारी की चंद सांसे जो घड़ी की सुइयों की रफ्तार से लड़ रही है। रहम करो भगवान। देश का ऐसा विकास हुआ है कि स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है इसका जिम्मेदार कौन क्यों स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आज इतने सवाल खड़े हो रहे हैं..! क्या सरकार को यह पता नहीं था कि बीमारी वापस लौट कर आएगी और इतनी त्रासदी मचाएगी ..! क्यों सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था के ऊपर ध्यान नहीं दिया...! यह तो कुछ भी नहीं है आप जनता कर्फ्यू, लगाइए कोरोना कर्फ्यू लगाइए, सभी नियमों का सख्ती से पालन कराइए सरकार से अनुरोध करता हूं, लेकिन जो स्वास्थ्य की अवस्थाएं हैं उनको सही तरीके से स्वस्थ हो जाएं स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति जल्द से जल्द पूर्ण की जाए। थोड़ा सरकार आम आदमी का भी ख्याल करें बैंकों की लोन ईएमआई कुछ समय के लिए आरबीआई के द्वारा आगे बढ़ाया जाए इससे आम आदमी को जीने की आशा की किरण मिले।
प्रशासन से ही अनुरोध करता हूं जो बनारस में हुआ है वह किसी और मां के साथ ना हो ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था ना बनाइए कोई उम्मीद ही करना छोड़ दें स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए की व्यवस्था देख कर आमजन खुश हो जाएगी हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी है ,और बहुत ही लाभदायक है। ना जनता आपसे कोई हिसाब मांगेगी आपने कहा कितना खर्च किया है बस स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा अच्छी कर दीजिए बस यही अनुरोध करता हूं आपसे। कोरोना से डरे नहीं इस बीमारी से हमें लड़ना है और जितना भी है उसके लिए हमें यह करना है। हमेशा मास्क का उपयोग करना है...2 गज दूरी बना कर रखना है...हाथों को साबुन से लगातार धोना है, अगर हमने यह नियम पालन कर लिया शासन की सभी गाइडलाइन ओं का पालन किया इस महामारी त्रासदी से बहुत जल्द ही निजात मिल जाएगी।