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प्राकृतिक आपदा में बीच निरीह बेजुबान वानर राज की सेवा मे जूटे हुए धर्मप्रेमी

आमेट Published by: M. Ajnabee-Kishan Paliwal Updated Fri, 15 May 2020 04:37 AM
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● श्री राकेश पुरोहित मेवाड़ एवं मारवाड़ क्षेत्र में गो कथा वाचक के रूप में प्रसिद्धि

आमेट। वायरस संक्रमण के प्राकृतिक आपदा के चलते न केवल भारत को बल्कि विश्व के अधिकांश देशों को इस समय लॉक डाउन का सामना करना पड़ रहा है। इसका प्रभाव ना केवल मनुष्यों पर अपितु असंख्य बेजुबान पशु पक्षियों पर भी पड़ा है। यह संकट बहुत बड़ा है इसलिए इसका असर भी व्यापक हुआ है। इससे केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि अनेक जीव जंतु भी प्रभावित हुए हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि प्राकृतिक विपदा से गिरे हुए मनुष्यों की सेवा के साथ-साथ बेजुबान पशु पक्षियों की सेवा का भी ध्यान रखें।

●  जंगल में रहने वाले वानर इत्यादि इस समस्या से ग्रस्त

इसके लिए हमें अपने छोटे-छोटे कार्यों पर ध्यान देना होगा जिससे कि उन्हें भी जीवन प्रदान किया जा सके। विशेषकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में विचरण करने वाले पशु अथवा जंगल में रहने वाले वानर इत्यादि इस समस्या से काफी ज्यादा ग्रस्त हैं। ऐसा ही नजारा नगर के पास ही एक धार्मिक पर्यटन स्थल शिव नाल के नाम से प्रसिद्ध स्थल है जहां पर जन श्रुति के अनुसार पांडवों द्वारा यहां निवास किया गया था इस स्थल पर तकरीबन 100 से ज्यादा वानर निवास करते हैं। 

● लॉक डाउन हुआ है तो सभी नागरिक अपने घरों में कैद, बेजुबान पक्षी परेशान

इन वानरों को पहले तो नगर के धर्मप्रेमी नागरिक प्रतिदिन जाकर कुछ खाने पीने की सामग्री डाल आते थे, किंतु जब से लॉक डाउन हुआ है तो सभी नागरिक अपने घरों में कैद हैं। ऐसी परिस्थिति में पंचायत समिति में कार्यरत विकास अधिकारी और प्रशासनिक संत राकेश पुरोहित तथा राजेश कुमार जोशी ने स्व प्रेरणा से वानर राज की भूख का मिटाने का बीड़ा उठाया। जब से लॉक डाउन प्रारंभ हुआ है तब से प्रशासनिक संत विकास अधिकारी राकेश पुरोहित, पंचायत प्रसार अधिकारी घनश्याम सिंह तथा चंपालाल कुमावत और राजेश कुमार जोशी प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को 10 किलो आटे की बाटी बनाकर वानर राज को अर्पित करते हैं।

● श्री राकेश पुरोहित मेवाड़ एवं मारवाड़ क्षेत्र में गो कथा वाचक के रूप में प्रसिद्धि

किसी रोज यदि बाटी की व्यवस्था नहीं होती है तो 25 किलो केले बाजार से खरीद कर वानर राज की सेवा में अर्पण करके आते हैं। राकेश पुरोहित जोकि समूचे मेवाड़ एवं मारवाड़ क्षेत्र में गो कथा वाचक के रूप में प्रसिद्धि पा चुके हैं उन्होंने पालीवाल वाणी प्रतिनिधि को बताया कि ईश्वर ने मनुष्य को वाक शक्ति देकर जैसा वरदान देकर उसे धरती के सभी प्राणियों में श्रेष्ठ बनाया है। इस शक्ति का सहारा लेकर वह अपने मन के भावों और विचारों को बोलकर व्यक्त करता है लेकिन जानवरों के साथ ऐसा नहीं है। भले ही वह आपस में अपनी भाषा में बात करते हो पर उसे हम नहीं समझ पाते। लेकिन उनके प्रति प्यार और आदर उन्हें खूब समझ आता है।

● जानवरों के प्रति हमारी सहानुभूति व संवेदनशीलता में कमी : श्री राजेश कुमार जोशी

आप भी यदि जानवरों को प्यार करेंगे तो उसके बदले में वह भी बेहद प्यार करते हैं। पशु पक्षियों का साहचर्य प्राप्त करना तो हमारी परंपरा का अटूट हिस्सा रहा है। चाहे वह पक्षियों को दाना चुगाना हो, चीटियों को आटा या मछलियों को दाना डालना हो गाय अथवा स्वान को रोटी खिलाना हो। यह आचरण पशु पक्षियों के प्रति हमारे कोमल व संवेदनशील व्यवहार को दर्शाते हैं। यही नहीं हम में से बहुत से लोग इन जानवरों को पालने का शौक भी रखते हैं। भले ही यह बोल ना पाए किंतु हमारे प्रति उनका व्यवहार ही सब कुछ बता देता है। श्री राजेश कुमार जोशी ने कहा कि अब ऐसा दिख रहा है कि इन जानवरों के प्रति हमारी सहानुभूति व संवेदनशीलता में कमी आती जा रही है । जबकि इन जानवरों के प्रति संवेदना रखना ही सबसे बड़ी इंसानियत है। इन्हें भी तो हमारी तरह भूख और प्यास लगती है  इन्हें भी तकलीफ होती है जिसे इनके शारीरिक हाव-भाव से आसानी से समझा जा सकता है। अब इन निरीह बेजुबान जानवरों की सेवा व रक्षा करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। अपने स्वार्थ के लिए पशुओं के साथ ज्यादती नहीं करनी चाहिए।

● इनके प्रति प्रेमभाव संस्कृति का अभिन्न अंग : श्री चंपालाल कुमावत

श्री चंपालाल कुमावत ने कहा कि गौतम बुद्ध से लेकर महात्मा गांधी जी तक का संदेश प्राणी जगत के प्रति स्नेह व करुणा भाव बनाए रखने का ही रहा है लेकिन आज उन्नति व तरक्की की दौड़ में शामिल होकर हरे-भरे जंगलों को काट कर उनके स्थान पर कंक्रीट का जंगल खड़ा कर हम जानवरों से उनके प्राकृतिक घर छीन रहे हैं। प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ का नतीजा बहुत बुरा होता हैं...शायद कोरोना संक्रमण वायरस कोविड-19 इसी ओर इशारा तो नहीं कर रहा है, समझने की जरूरत हैं, ईश्वर जितना देता हैं, उससे चौगुना ले भी लेता है। बस समझने की जरूरत है।

फोटो ग्राफर--माधवसिंह राजपूत

● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️

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