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चांद रात पर प्रख्यात सूफ़ी संत हज़रत दीवाना शाह साहब की दरगाह पर जायरिनों का उमड़ा सैलाब

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Mon, 08 Jul 2024 10:52 AM
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M. Ajnabee, Kishan paliwal

कपासन/आमेट. प्रख्यात सूफी संत हज़रत दीवाना शाह साहब र.अ. की दरगाह शरीफ पर ईस्लामी नये साल की चाँद रात पर जन सैलाब उमड़ा। बाबा हुजूर के 83 वें उर्स का अलम शरीफ (झण्डा) 25 मोहरर्म, एक अगस्त गुरूवार को चढ़ाया जायेगा।

दरगाह वक्फ कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद यासीन खाँ अशरफी के अनुसार ईस्लामी नये साल 1446 हिजरी, मोहरर्म की चाँद पर रविवार को बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे। आस्ताना ऐ आलिया के मुख्य मज़ार पर चादर, फूल, ईत्र, अगरबत्ती पेश करने के लिये लम्बी-लम्बी कतारें लगी रही। दरगाह शरीफ स्थित फूल की दूकानांे, मैला गाउण्ड मंे खरीदारांे का जमावड़ा लगा रहा। अहाता ऐ नूर मेें महफिले मीलाद पाक पढ़ने वालो ने हम्द नात, मनकबत पेश कर सलातो सलाम पढ़कर फातिहा ख्वानी की। वही बारी-बारी से कव्वाल हज़रात ने कलाम पेश कर दाद बटौरी।

बाबा हुजूर का 83 वां उर्स 6 सफर से 8 सफर इंशा अल्लाह 12 अगस्त से शुरू होकर 14 अगस्त को जोहर की अज़ान से पहले कुल की फातिहा के साथ सम्पन्न होगा। वही 25 मोहरर्म, एक अगस्त गुरूवार को बाद नमाजे असर के आस्ताना ऐ आलिया व बुलन्द दरवाजे पर अलम शरीफ चढ़ाया जायेगा और उसी दिन से 83 वंे उर्स की चहल-पहल शुरू हो जायेगी।

पैदल हज यात्री शिहाब ने की जियारत:- केरल से पैदल चलकर 370 दिन में 8600 किलोमीटर और 5 देशों की यात्रा कर सन् 2022 में हज़ पर जाने वाले हाजी शिहाब चितूर ने दरगाह शरीफ पर चादर व फूल पेश कर मुल्क मंे अमनांे सुकून की दुआ की। आस्ताना ऐ आलिया में दरगाह कमेटी सदस्य सैयद अख्तर अली बुखारी, अब्दुल वहीद अंसारी, हाजी शरीफ, असलम शैख ने दस्तार बंदी की व अशफाक तुर्किया ने श्रीफल भेंट किया।

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