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शोक संदेश : पालीवाल समाज के वरिष्ठ समाजसेवी श्री चुन्नीलाल जी टपरावत का निधन : बहन-भाई का प्रेम अमर हो गया

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Mon, 15 Apr 2024 08:26 PM
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आमेट. पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी आमेट के वरिष्ठ समाजसेवी श्री चुन्नीलाल पिता ब्रह्मलीन मधुलाल जी टपरावत का आज दिनांक 15 अप्रैल 2024 सोमवार को दोपहर को आमेट में आकस्मिक निधन हो गया. जिनकी अंतिम यात्रा कल दिनांक 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को सुबह 10.00 बजे निज निवास पीपली पोल-होलीथान आमेट जिला राजसमंद, राजस्थान से प्रस्थान होकर चंद्रभागा मुक्तिधाम जाएगी. 

आप सर्वश्री धन्नालाल टपरावत, नारायण टपरावत, जगदीशचंद्र टपरावत, तुलसीराम टपरावत के काकाजी एवं नंदलाल टपरावत, हरिश टपरावत के पूजनीय पिताजी और शुभम टपरावत, अक्षत टपरावत के दादाजी थे. उक्त जानकारी भाजपा नेता श्री राजेश पालीवाल ने पालीवाल वाणी को दी.

बता दे : आज एक बार फिर जता दिया कि भाई बहन का पवित्र और सच्चा प्यार कोई और हो नहीं सकता. तीन भाइयों की इकलौती बहन श्री मोहनलाल जी, श्री पुरूषोत्तम जी और श्री चुन्नीलाल जी जिनमें से श्री मोहन जी टपरावत और श्री पुरूषोत्तम जी टपरावत का निधन वर्षो पहले हो चुका. 

आज सोमवार को सुबह बहन नर्बदा देवी नन्द धर्मपत्नी किशोर जी व्यास निज निवासी ग्राम. मोखुंदा का निधन हो गया था और भाई श्री चुन्नीलाल जी टपरावत आज दोपहर 3. 00 बजे उनके अंतिम दर्शन करने अपने बड़े बेटे श्री नंदलाल टपरावत और छोटे बेटे श्री हरीश टपरावत के साथ निज निवास मोखुंदा पहुंचे थे और नर्बदा देवी व्यास बहन के अंतिम दर्शन किए और वहीं अचेत मुद्वा हो गए. उनको मोखुंदा से तुरंत आमेट हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के उपरांत उनके नहीं रहने की जानकारी परिजनों को दी. एक तरफ बहन का अंतिम संस्कार हो रहा था वहीं दूसरी तरफ भाई श्री चुन्नीलाल टपरावत के आकस्मिक निधन की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जैसे ही पालीवाल समाज में खबर फैली चारों तरफ शोक की लहर छा गई. 

कहावत सही भी है कि विधि का विधान कौन टाल सकता है. आज एक बार फिर भाई/बहन का सच्चा प्यार आज भी जीवित है और यह जता दिया नर्बदा देवी व्यास और चुन्नीलालजी पालीवाल कितने गहरे रिश्ते थे. रिश्ते ऊपर वाला बनता है. इस बात की हकीकत आज सबको मालुम हो गई. बहन और भाई का प्यार आज अमर हो गया.

पालीवाल वाणी एवं म्हारो राजस्थान की कलम से

M. Ajnabee, Kishan paliwal

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