आमेट :
तेरापंथ भवन में विराजित युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण की सूशिष्या साध्वी श्री कीर्तिलता, साध्वी श्री शांतिलता साध्वी, श्री पूनमप्रभा, साध्वी श्रेष्ठप्रभा के सानिध्य में पंचरंगी तप अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साध्वी श्री ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि कहा कि भारतीय परंपरा में तप का बड़ा महत्व है, तपस्या कर्मशोधन के लिए करें. कर्मबंधन के लिए नहीं अर्थात तपस्या करने के पीछे एक मात्र लक्ष्य रहे कर्म निर्जरा. उसी प्रकार जैन दर्शन में प्रत्येक चिंतन में तप का बड़ा महत्व है.
साध्वीयो द्वारा सुमधुर गीतिका द्वारा तपस्वी भाई -बहनों का अभिनंदन किया. पंचरंगी तप में तपस्वी ज्ञानेश्वर मेहता, रोशन लाल कोठारी, महेंद्र हिरण, कुंदन मल लोढ़ा, देवेंद्र बापना, मुकेश सुराणा व निर्मला देवी मेहता, पारस देवी ढीलीवाल, अनीता छाजेड़, इंदु देवी बोहरा, कैलाश देवी डांगी, कमलाबाई डूंगरवाल, सरोज देवी कोठारी, शकुंतला भंडारी, विनीता देवी खमेसरा, ज्योति देवी श्री श्रीमाल, आगूबाई सिंघवी, मंजू देवी हिरण, उमा देवी हिरण, पुष्पा देवी पामेचा, वैशाली श्री श्री माल, कमलाबाई बोहरा, विजया देवी, चंचल देवी मेहता, गेहरी बाई डांगी, विमला देवी श्रीश्री माल, भंवरी बाई छाजेड़ आदि ने तेला चोला पंचोला किया.
साध्वी श्री ने सभी तपस्वीयों को आगे और तपस्या करने की प्रेरणा दी. श्रावक -श्राविकाओं ने हर्ष की ध्वनि के साथ सभी के प्रति अनुमोदना की. कार्यक्रम की सूचना जेटीएन प्रतिनिधि पवन कच्छारा ने दी.
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️