कानपुर. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कोटेदारों को राशन वितरण के साथ ही प्रत्येक राशन कार्ड में अंकित सभी सदस्यों की ई केवाईसी कराने का काम भी दे दिया गया है, जिससे न तो समय पर राशन वितरण सही प्रक्रिया में हो पा रहा है और न ही पात्र कार्ड धारक अपने पारिवारिक सदस्यों की ई केवाईसी पूरी करवा पा रहे हैं।
ई केवाईसी कराने के लिए जो इलेक्ट्रानिक डिवाइस कोटेदारों को दी गई है उसमें बैटरी बैकअप सही नहीं है अगर फुल चार्जिंग की जाती है तो मशीन दो ढाई घंटे ऑन ही नहीं होती और कम चार्ज करें तो जल्दी डिस्चार्ज हो जाती है साथ ही तीन से चार कार्ड के फैमिली केवाईसी होने में ही डिवाइस बहुत ज्यादा गर्म हो जाती है जिससे बार बार रीलोड और सर्वर डाउन समस्या ऑपरेटर को वर्किंग में हो रही है।
कोटेदारों की समस्याओं को बिना समझे नए नए नियम बनाकर लागू कर दिए जा रहे हैं जिससे राशन वितरण करना सही तरह से संभव नहीं हो पा रहा है। कोटेदारों के मुताबिक आए दिन कार्ड धारकों और कोटेदारों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है, क्योंकि हर कार्ड धारक को एक एक घंटे से ज्यादा समय में दुकान पर खड़े रहना पड़ता है। इसमें अधिकतर बुजुर्ग महिलाएं, या दुधमुंहे बच्चे को लेकर आती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कानपुर निवासी सोशल एक्टिविस्ट एंड जर्नलिस्ट कान्ति शरण निगम ने बताया कि शासन द्वारा जानकारी दी गई है कि जिन परिवारों में किसी की मृत्यु हो चुकी है या किसी सदस्य का विवाह हो चुका है और वो स्थान छोड़ कर जा चुके हैं तो ऐसे यूनिटों का राशन भी अन्य सदस्य पूरा ले रहे हैं जो कि गलत बात है इसकी पुष्टि कराने के लिए ही सभी सदस्यों की फिंगर प्रिंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू की गई है, इससे कई लाख यूनिट जो फर्जी तौर पर दर्ज हैं वो सभी स्वत: कैंसिल हो जायेंगे।
शासन की मंशा को पूरा करवाने और कार्ड धारकों तथा कोटेदारों को भी इस नियम से कोई समस्या न हो इस लिए शासन से मांग की गई है कि वो ऐसा आदेश जारी करें कि प्रदेश के सभी कार्ड धारक अपने कार्ड में दर्ज सभी पारिवारिक सदस्यों का अपनी वर्तमान स्थिति और क्षेत्र स्थान पर ही निकटतम जन सेवा केन्द्रों में जाकर आधार आधारित राशन कार्ड ई केवाईसी वेरिफिकेशन करवा लें.
इससे सभी लोग आसानी से बिना किसी समस्या के और बिना समय खराब किए इस नियम का पालन कर सकेंगे और शासन के तय अवधि के अंदर ही सही डाटा भी मिल जाएगा। अब देखना ये होगा कि आम जन जीवन को राहत देने के उद्देश्य से कान्ति शरण निगम द्वारा दिए गए सुझाव को जिम्मेदार अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं।