मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में 15 साल की दुष्कर्म पीड़िता की मदद के लिए आगे आए पुजारी ने उसका आंखों देखा हाल बताया है। पीड़िता को कपड़े देने और पुलिस को बुलाने के अलावा भी पुजारी ने उसको सहारा दिया और उसकी मदद की। उन्होंने बताया कि जब पीड़िता से उनसे मिली तो वह कितनी बुरी और डरावनी हालत में थी। पीड़िता की मदद करने वाले पुजारी राहुल शर्मा उज्जैन शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर बड़नगर रोड स्थित एक आश्रम से जुड़े हैं।
पुजारी ने पुलिस और मीडिया के बताया कि सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे वह किसी काम के लिए आश्रम से बाहर जा रहे थे, तभी उन्होंने गेट के पास लहूलुहान और अर्धनग्न हालत में खड़ी एक लड़की को देखा। उन्होंने कहा, “मैंने उसे अपने कपड़े दिए। उसके शरीर से खून बह रहा था। वह ढंग से बोल नहीं पा रही थी। उसकी आंखें सूजी हुई थीं। उसकी हालत देखकर मैंने तुरंत 100 नंबर पर फोन किया। जब मैं हेल्पलाइन पर पुलिस तक नहीं पहुंच सका, तो मैंने महाकाल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित किया। पुलिस वाले लगभग 20 मिनट में आश्रम पहुंच गए।”
धार्मिक नगरी उज्जैन में नाबालिक लड़की के साथ हुए रेप के मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस अधिकारियों का यह भी कहना है कि पीड़िता की लोगों ने खूब मदद की. उसे पैसे, कपड़े और खाने की वस्तुएं भी दी. पीड़िता की हालत अभी खतरे से बाहर बताई जा रही है. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि नाबालिक लड़की से रेप का मामला सामने आया था. इसमें तीन ऑटो चालकों को हिरासत में लिया गया है. इन ऑटो चालकों के बारे में पुलिस को पुख्ता तौर पर सबूत मिले थे कि इन्होंने पीड़िता को अपने ऑटो में बिठाया था. इसके अलावा एक और संदिग्ध की पुलिस को तलाश है. वहीं पुलिस पूरे मामले में चार संदिग्धों पर जांच कर रही है.
पुलिस के मुताबिक तीन ऑटो चालकों को हिरासत में लेने के बाद उनसे अलग-अलग स्थान पर रखकर कड़ी पूछताछ की गई है. उनसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. पुलिस को जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं उसमें तीन ऑटो चालकों की ऑटो में पीड़िता बार-बार बैठती और उतरती भी दिखाई दे रही है. यह घटनाक्रम रात तीन से सुबह छह बजे के बीच का है.
पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि पुलिस के हाथ जो सीसीटीवी फुटेज लगे हैं. उसमें दिखाई दे रहा है कि बच्ची रात तीन बजे से सुबह छह बजे के बीच देवास गेट और महाकाल थाना क्षेत्र में तीन ऑटो में बैठती और उतरती हुई दिखाई दे रही है. तीनों ऑटो चालकों को हिरासत में ले लिया गया है. ऑटो से जो साक्ष्य मिले हैं, उनका भी परीक्षण कराया जा रहा है. इसके अलावा आरोपियों के मकान की भी जांच की गई है. मकान के अंदर भी सबूत खंगालने की कार्रवाई की गई है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना के बाद जब बालिका अर्धनग्न अवस्था में घूम रही थी तो उसने कुछ लोगों से मदद मांगी. इसके बाद लोगों ने उसे पैसे, कपड़े और खाने की वस्तु देकर खूब मदद की चार लोग पुलिस ने स्वयं ढूंढ निकाले हैं जिन्होंने बच्ची को पैसे दिए थे. पुलिस कप्तान के मुताबिक यह कहना गलत होगा की घटना के बाद बालिका इधर-उधर भटकती रही और किसी ने उसकी मदद नहीं की उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस वालों ने अपना खून देकर भी बालिका का जीवन बचाने का काम किया है. उन्होंने बताया कि अब पीड़िता की हालत खतरे से बाहर है.