उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 से कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि से महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की दिनचर्या में बदलाव होगा. उन्होंने बताया कि गर्मी और सर्दियों को दिनों में बाबा महाकाल के भोग और आरती के समय में बदलाव किया जाता है.
बाबा महाकाल के दरबार में 18 अक्टूबर से बदलेगी बाबा महाकाल की दिनचर्या, भस्मारती, भोग और संध्या आरती सहित इनमें हुआ बदलाव. कालो के काल प्रत्येक छह महीने में भगवान की आरती के समय में कुछ बदलाव किया जाता है, साल में दो बार सर्दी और गर्मी के मौसम में जहां बाबा महाकाल ठंडा और गर्म जल से स्नान करते हैं, वहीं, गर्मी के मौसम में सूर्य के देर से अस्त होने के कारण संध्या आरती देरी से की जाती है. जबकि सर्दी के मौसम में आधे घंटे पहले इस आरती को किया जाता है.
इस वर्ष भी कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से बाबा महाकाल की दिनचर्या में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिसके तहत बाबा महाकाल की सुबह 7.00 बजे होने वाली बाल भोग आरती उसके बाद सुबह 10.00 बजे होने वाली भोग आरती जहां अब आधे घंटे देरी से होगी. वहीं, शाम को 7.00 बजे होने वाली संध्या आरती आधे घंटे पहले 6.30 पर होगी.
बदलेगा भोग और आरती का समय
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 7 बजे होने वाली बालभोग आरती सुबह 7.30 बजे की जाएगी. इसी तरह भोग आरती सुबह 10 बजे के स्थान पर अब सुबह 10.30 बजे होगी. बाबा महाकाल को लगाए जाने वाले भोग के साथ ही प्रतिदिन जो संध्या आरती की जाती है उसके समय में भी बदलाव किया गया है. सर्दियों में सूर्यास्त जल्दी हो जाता है इसीलिए संध्या आरती के समय में बदलाव करते हुए इसे अब शाम 6:30 बजे किया जाएगा.