उज्जैन. सिंहस्थ में 30 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो रही 'स्पिरिचुअल सिटी' के पहले चरण की हुई शुरुवात बहुत ही भंव्य होगा सिंहस्थ 2028 की ऐतिहासिक तैयारियों ने उज्जैन को विकास के नए युग में प्रवेश करा दिया है। उज्जैन को एक भव्य, स्वच्छ और आधुनिक ‘स्पिरिचुअल सिटी’ के रूप में विकसित करने का सपना अब साकार होता दिख रहा है।
प्रशासन ने प्रथम चरण के कार्यों की शुरुआत कर दी है, सड़कों का चौड़ीकरण, नाली और सीवरेज लाइन बिछाने तथा बिजली-पानी की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने का कार्य तेज गति से जारी है।
किसानों की पूर्ण सहमति और सहभागिता के साथ विकास योजनाएँ आगे बढ़ाई जा रही हैं। यह उज्जैन के इतिहास का पहला अवसर है जब विकास की दिशा सहयोग और सहमति दोनों के साथ तय की जा रही है।
शिप्रा नदी के दोनों तटों पर 29 किलोमीटर लंबे घाटों का निर्माण किया जा रहा है। लगभग 779 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना अगले दो वर्षों में पूरी होगी।
उज्जैन को योजनाबद्ध रूप से चार प्रमुख नगर विकास योजनाओं में विभाजित किया गया है। प्रत्येक योजना में सड़क, सीवरेज, बिजली, जल निकासी, सार्वजनिक सुविधाएँ और हरित क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे शहर की आंतरिक सड़कों से लेकर बाहरी क्षेत्रों तक आधुनिक सुविधाओं का संतुलित विकास सुनिश्चित होगा।
शासन और प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि हर विकास कार्य किसानों की सहमति से ही आगे बढ़े। किसानों को योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है और उनकी राय के अनुसार कई सुधार किए गए हैं।
किसानों की सहभागिता उज्जैन के इस विकास मॉडल को “लोक-सहभागिता आधारित योजना” का उत्कृष्ट उदाहरण बना रही है।
उज्जैन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा : “सिंहस्थ 2028 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उज्जैन के सर्वांगीण पुनर्जागरण की आधारशिला है। हमारा लक्ष्य उज्जैन को ऐसा ‘स्पिरिचुअल सिटी मॉडल’ बनाना है जो भारत की सांस्कृतिक आत्मा और आधुनिक शहरी प्रबंधन – दोनों का अद्भुत संगम प्रस्तुत करे।