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Jal Jhulni Ekadashi 2022 : जलझूलनी एकादशी पर करें ये उपाय, पाएं समस्याओं से मुक्ति

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Sun, 04 Sep 2022 12:33 PM
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि पड़ती है. इस तरह से पूरे साल में कुल 24 और अधिकमास वाले साल में 26 एकादशी तिथि पड़ती है. सभी एकादशी तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसी तरह भाद्रपद या भादो माह में पड़ने वाली एकादशी को जलझूलनी एकादशी (Jal Jhulni Ekadashi) कहा जाता है. इसे परिवर्तनी एकादशी, पदमा एकादशी और डोल ग्यारस भी कहते हैं.

जलझूलनी एकादशी का व्रत व पूजन मंगलवार 6 सितंबर 2022 को किया जाएगा. एकादशी का व्रत और पूजन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है. लेकिन कुछ स्थानों पर इस दिन को भगवान कृष्ण की सूरज पूजा यानी जन्म के बाद होने वाले मांगलिक कार्यक्रम के रूप में भी मनाया जाता है. जलझूलनी एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है.

जलझूलनी एकादशी पर पूजा और व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से घर पर सुख-समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति को सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं जलझूलनी एकादशी के महत्व और इससे जुड़े उपायों के बारे में.

  • जलझूलनी एकादशी का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि जलझूलनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जोकि चातुर्मास के कारण योग निद्रा में होते हैं, वे विश्राम के दौरान करवट लेते हैं. स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में एकादशी महात्म्य नाम के अध्याय में भी इस एकादशी के महत्व का वर्णन किया गया है.

कहा जाता है कि इस एकादशी के व्रत को करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति ने भाद्रपद शुक्ल एकादशी  का पूजन कर लिया, उसने ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों का पूजन किया.

  • जलझूलनी एकादशी पर करें ये उपाय

  • आर्थिक लाभ के लिए : आर्थिक समस्या से मुक्ति के लिए जलझूलनी एकादशी या डोल ग्यारस के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर साबुत श्रीफल और सवा सौ ग्राम साबुत बादाम चढ़ाएं. इस उपाय को करने से जीवन में आर्थिक लाभ होता है और पैसों से जुड़ी समस्या दूर होती है.

  • शीघ्र विवाह के लिए : ऐसे युवक और युवतियां, जिनके विवाह में अड़चने आ रही हैं या किसी कारणवश देरी हो रही है. वे इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और भगवान का पीले रंग के फूलों से श्रृंगार करें. साथ ही पीले चंदन से भगवान का तिलक कर भोग लगाएं. इस उपाय को करने से शीघ्र ही विवाह के योग बनते हैं.

  • व्यापार में तरक्की के लिए : व्यापारी की तिजोरी अगर खाली रहती है तो इसके लिए जलझूलनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में कुछ सिक्कों को चढ़ाएं. पूजा के बाद इन सिक्कों को लाल रंग की पोटली में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से धन का भंडार हमेशा भरा रहता है.

  • कर्ज मुक्ति के लिए : सिर से कर्ज का बोझ नहीं उतर रहा या बार-बार कर्ज लेने पर विवश होना पड़ रहा तो इसके लिए जलझूलनी एकादशी के दिन आप पीपल के पेड़ की जड़ में शक्कर मिश्रित जल चढ़ाएं और शाम को पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. इस उपाय से आपको जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी.

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