एप डाउनलोड करें

शिवपुराण के अनुसार घर में शिवलिंग रखते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जानिए

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Thu, 03 Mar 2022 07:58 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग को बेहद संवेदनशील माना गया है, बताया गया है कि शिवलिंग की थोड़ी सी भी पूजा करने मात्र से भी शुभ फल मिलते हैं। लेकिन यदि आप अपने घर में शिवलिंग की पूजा करते है तो शिव पुराण के मुताबिक आपको इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

घर में शिवलिंग तभी स्थापित करें या उनकी तभी पूजा करें जब आप रोजाना उनकी पूजा करने में सक्षम हैं। यदि रोजाना आप शिवलिंग की पूजा करने में असमर्थ है तो शिवलिंग को घर में स्थापित नहीं करना चाहिए।

लिंगोद्भव कथा में बताया गया है कि जब परमेश्वर शिव ने स्वयं को अनादि व अनंत अग्नि स्तंभ के रूप में ला कर भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के समक्ष प्रस्तुत किया और अपना ऊपरला व निचला भाग ढूंढने के लिए कहा और उनकी श्रेष्ठता तब साबित हुई जब वे दोनों अग्नि स्तंभ का ऊपरला व निचला भाग ढूंढ नहीं सके।

शिवपुराण के अनुसार व्यक्ति को अपने घर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा नहीं करवानी चाहिए। बल्कि ऐसे ही रखकर नीती रूप से शिवलिंग की विधि विधान से पूजा व अभिषेक करना चाहिए।

शिव पुराण में बताया गया है कि संभव हो तो नर्मदा नदी से निकले पत्थर से बना शिवलिंग ही घर में रखना चाहिए यह अधिक शुभकारी होता है। इसके अलावा बताया गया है कि हाथ के अंगूठे के ऊपर वाले भाग के बराबर का ही शिवलिंग घर में रखना चाहिए। इससे बड़ा या ज्यादा बड़ा शिवलिंग मंदिर में स्थापित करना चाहिए।

घर में शिवलिंग की पूजा नित्य रूप से सुबह और शाम को करनी चाहिए, यदि रोजाना ऐसा कर पाना संभव नहीं है तो घर में शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। वहीं शिव पुराण में यह भी कहा गया है कि घर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए। साथ ही शिवलिंग को हमेशा ईशान कोण और खुल स्थान पर ही रखा जाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार सप्ताह या दिन में एक या दो बार शिवलिंग पर जल स्नान पर्याप्त नहीं, इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए। चूंकि शिवलिंग से हर वक़्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है जो ऊर्जा को शांत रखता है।

शिव पुराण के अनुसार धातु से बने शिवलिंग में सोने, चांदी या ताम्बे का ही इस्तेमाल होना चाहिए। इसके साथ ही उसी धातु का एक नाग भी उस पर लिपटा होना चाहिए। शिवलिंग की पूजा करते समय केतकी के फूल, तुलसी, सिंदूर और हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल ये चीजें भगवान शंकर को अप्रिय है।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next